नई दिल्ली (एजेंसी)। सियासी तनातनी और इस साल महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार को लेकर शरद पवार ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे आने वाले दिनों में राजनीति की एक और संभावना दिखाई दे सकती है। फिलहाल, शरद पवार से बगावत करके अजित पवार एनडीए के साथ महाराष्ट्र में सरकार में हैं। शरद पवार की पार्टी पर भी उन्होंने कब्जा कर लिया है।
शरद पवार ने साफ तौर पर कहा है कि एक परिवार के रूप में अजित पवार और मैं साथ-साथ हैं। हालांकि, शरद पवार के इस बयान को सियासत से भी जोड़ा जा रहा है। हाल के दिनों में अजित पवार ने भी कहा था कि बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारना उनकी भूल थी।
शरद पवार ने तटीय कोंकण क्षेत्र के चिपलून में कहा कि “घरत तारि एकत्रच आहेत” (कम से कम घर में हम एक साथ हैं)। अजित पवार ने पिछले साल जुलाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से बगावत की थी और एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल हो गए थे। हाल के समय में उनके सत्तारूढ़ गठबंधन में बने रहने को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं।
अजित पवार की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि उनका अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती में चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ाने का फैसला गलत था, शरद पवार ने कहा कि वह एक अलग पार्टी में हैं। हम किसी अन्य पार्टी के फैसलों पर टिप्पणी क्यों करें?
विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के मुख्यमंत्री पद के चेहरे से जुड़े सवाल पर शरद पवार ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि फिलहाल यह कोई जरूरी मुद्दा है।” एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार (राकांपा-एसपी), कांग्रेस और शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) शामिल हैं।
राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा कि आपातकाल के बाद जब चुनाव हुए तो मतदान से पहले प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में मोरारजी देसाई के नाम का खुलासा नहीं किया गया था।