कानपुर के बिल्हौर क्षेत्र के नानामऊ गंगाघाट पर शनिवार सुबह स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक डॉ. आदित्यवर्धन सिंह (44) गंगा में नहाते समय डूब गए। इस हादसे के दौरान उनके साथ दो दोस्त, प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्र, भी मौजूद थे। दोस्तों का आरोप है कि जब उन्होंने पास में मौजूद गोताखोर शैलेश कश्यप से मदद मांगी, तो उसने पहले 10 हजार रुपये मांगे और फिर ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर होने के बाद ही डॉ. आदित्यवर्धन की तलाश शुरू की। हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी, और डॉ. आदित्यवर्धन का कुछ पता नहीं चला।
ग्राम प्रधान खुशबू के पति गुलाब सिंह ने भी इस बात की पुष्टि की कि गोताखोर ने 10 हजार रुपये लिए थे, लेकिन जब डॉ. आदित्यवर्धन का पता नहीं चला, तो उसने रुपये वापस कर दिए। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि अमर उजाला द्वारा नहीं की गई है।
प्रदीप तिवारी ने बताया कि डॉ. आदित्यवर्धन गंगा में नहाते समय सेल्फी ले रहे थे, और जब दोस्तों ने उन्हें मना किया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें गंगा में तैराकी का अच्छा अनुभव है। लेकिन इसी बीच, वे तेज बहाव की चपेट में आ गए और डूबने लगे। दोनों दोस्तों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए।
डॉ. आदित्यवर्धन के परिवार के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि उनके पिता रमेशचंद्र सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे और माता-पिता इस समय ऑस्ट्रेलिया में अपनी बेटी के पास रह रहे हैं। डॉ. आदित्यवर्धन की पत्नी श्रेया महाराष्ट्र में जज के पद पर तैनात हैं और उनके चचेरे भाई अनुपम सिंह बिहार में मुख्यमंत्री के सचिव हैं।
घटना के बाद पुलिस, पीएसी, और एसडीआरएफ की टीम ने उनकी तलाश जारी रखी, लेकिन देर शाम तक उनका कोई सुराग नहीं मिला।