कोलकाता (एजेंसी)। तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप लगाते हुए तीन समाचार चैनलों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। ममता बनर्जी की पार्टी ने एक बयान में कहा कि वे अब इन चैनलों पर चर्चा के लिए अपने प्रवक्ता नहीं भेजेंगे। पार्टी ने आरोप लगाया कि ये चैनल दिल्ली के जमींदारों को खुश करने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि उनके प्रमोटर और कंपनियां जांच और प्रवर्तन मामलों का सामना कर रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने जनता से अपील की है कि चैनलों पर बहस के दौरान पार्टी समर्थक या सहानुभूति रखने वाले व्यक्तियों के रूप में चित्रित किए गए लोगों से गुमराह न हों, क्योंकि ये लोग पार्टी द्वारा अधिकृत नहीं हैं और उनके आधिकारिक रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। बयान में यह भी कहा गया है कि बंगाल के लोगों ने लगातार इस अपवित्र बांग्ला विरोधी नेक्सस को खारिज किया है और हमेशा प्रचार के बजाय सच्चाई को चुना है।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक पीजी मेडिकल छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या के मामले पर राज्य में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ममता बनर्जी की सरकार को इस घटना से निपटने और उसके बाद डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच, भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है, आरोप लगाया है कि वह महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही हैं, जिससे पश्चिम बंगाल देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है। तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि भाजपा बलात्कार और हत्या पर जनता के असंतोष का फायदा उठाकर लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई ममता बनर्जी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।