नई दिल्ली, एजेंसी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि ट्रेनों में टक्कर रोधी उपकरण ‘कवच’ का व्यापक पैमाने पर उपयोग अब शुरू होगा क्योंकि कवच 4.0 को 16 जुलाई 2024 को अंतिम मंजूरी मिल गई है। श्री वैष्णव ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वर्ष 2016 में कवच को मंजूरी दी गई थी और उसके बाद से अब तक उसका चरणबद्ध परीक्षण चल रहा था। अब 16 जुलाई 2024 को कवच 4.0 को मंजूरी दी गई है और जल्दी ही इसका ट्रेनों में बड़े पैमाने पर उपयोग होगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में ट्रेनों में टक्कर रोधी उपकरण लगाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन इसके अपने उद्देश्यों में सफल नहीं होने के कारण वर्ष 2012 में इसका उपयोग बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ट्रेनों की गति बढ़ाने लगी वैसे-वैसे वैश्विक स्तर पर टक्कर रोधी उपकरणों का उपयोग शुरू किया जाने लगा, लेकिन भारत में ऐसा नहीं हो सका। वैश्विक स्तर पर जो उपकरण 1930-40 में लगाए जाते थे, भारत में दशकों बाद उसका उपयोग किया गया।
पिछले 10 वर्षों में 43 हजार किलोमीटर पटरियों का नवीनीकरण
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 43 हजार किलोमीटर पटरियों का नवीनीकरण किया गया है जो वर्ष 2004-14 के दौरान किए गए नवीनीकरण की तुलना में डेढ़ गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि लंबी रेल पटरियों को बिछाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है ताकि फिक्स प्लेट दूरी पर लगानी पड़े। अब तक 63 हजार किलोमीटर लंबी इस तरह की पटरियां बिछाई जा चुकी हैं।
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना में हो रही देरी
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना में हो रही देरी और इससे जुड़े अन्य पूरक प्रश्नों के उत्तर में श्री वैष्णव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जहां भी बुलेट ट्रेन परियोजना शुरू की गई है, शुरूआत में 20 वर्षों तक का समय लगा है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है।