कानपुर, एजेंसी। कानपुर के सिविल लाइन स्थित बेशकीमती जमीन पर कब्जे में आरोपी हरेंद्र मसीह एक महीने से फरार है। पुलिस के मुताबिक, उसने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 10 हजार करोड़ की जमीन पर अवैध कब्जा किया है। फर्जी दस्तावेज के जरिए हरेंद्र मसीह ने झांसी, फतेहपुर और कानपुर में जमीन पर कब्जा किया। यहां उसके खिलाफ केस दर्ज हैं।
100 पुलिस वाले और 3 एसीपी दे रहे दबिश
एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि 28 जुलाई को सिविल लाइन की जमीन पर कब्जा करने गए अवनीश दीक्षित और उसके साथी अब तक फरार हैं। पुलिस की 10 टीमें और 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी आरोपियों की तलाश में जुटे हैं। पुलिस ने कोयला नगर निवासी विवेक पांडेय उर्फ सोनू, उनके बहनोई परेड निवासी रज्जन तिवारी और चालीस दुकान निवासी राहुल बाजपेई के घर पर छापेमारी की है। साथ ही, नामजद आरोपी जीतेश झा की तलाश में ग्वालटोली और हरबंश मोहल्ला में भी छापा मारा गया है।
12 जगहों पर पुलिस की रेड
इसके साथ ही एफआईआर में नामजद अन्य आरोपियों की तलाश में कानपुर के अलग-अलग ठिकानों और शुक्लागंज व उन्नाव में भी पुलिस की टीमों ने देर रात छापेमारी की है। हालांकि, छापेमारी के दौरान पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली। पुलिस न ही किसी आरोपी को गिरफ्तार कर सकी और न ही कोई साक्ष्य बरामद हुआ।
सिविल लाइन में बेशकीमती नजूल की जमीन पर कब्जा करने के प्रयास में लेखपाल विपिन कुमार की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट पर कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित ने मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। इस पर अदालत ने पुलिस से रिपोर्ट और आपराधिक इतिहास तलब किया है। अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी।
एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि अवनीश के नाम पावर ऑफ अटार्नी पूरी तरह से अवैध है। हरेंद्र मसीह ने अवनीश को कूटरचित तरीके से पावर ऑफ अटार्नी दी है, जो कानूनी रूप से मान्य नहीं है।
वारदात के दौरान अवनीश का वीडियो मिला
एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि वारदात के दौरान का पुलिस को कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें अवनीश दीक्षित का भी वीडियो शामिल है। इससे साफ है कि वारदात के दौरान अवनीश दीक्षित मौके पर थे। अवनीश के घरवालों द्वारा दिए गए सीसीटीवी फुटेज को भी जांच में शामिल किया गया है।