फतेहपुर, चौपाल संवाद। शहीदान-ए-कर्बला की याद में मोहर्रम की आठवीं तारीख पर सोमवार की शाम को जिले का सुप्रसिद्ध और सर्वाधिक अकीदतमंदों की श्रद्धा वाला चांदू मियां का ताजिया इमामबाड़े से बाहर आया। जैसे ही ताजिया तख्त पर आया, अकीदतमंदों की भारी भीड़ ताजिया का दीदार करने के लिए उमड़ पड़ी।
अकीदतमंदों की श्रद्धा और मन्नतें: अकीदतमंदों ने ताजिया पर फूलों की बारिश की और चादरें चढ़ाकर अपनी पिछली मन्नतें पूरी होने पर चढ़ावा चढ़ाया। वहीं नई मन्नतों के लिए धागे की गांठ बांधी। ढपाली का ताजिया आते ही पुनः यह ताजिया इमामबाड़े में रख दिया गया।
ताजिया जुलूस और मिलाप: रात को आधा दर्जन ताजियों का जुलूस अलम और अखाड़ों के साथ निकाला गया। इन सभी ताजियों का मिलाप आज प्रातः 10 बजे चौक चौराहे पर होगा। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मोहर्रम की आठ तारीख की सुबह से ही चांदू मियां के इमामबाड़े के फाटक जियारत के लिए खोल दिए गए थे। फाटक खुलते ही देर शाम तक लोग चढ़ावा चढ़ाते रहे।
चांदू मियां का ताजिया और लोगों की आस्था: लोगों का मानना है कि चांदू मियां के ताजिये में मांगी जाने वाली मुरादें जरूर पूरी होती हैं। इस ताजिये पर समाज के सभी वर्गों की अटूट आस्था है। मुस्लिम समुदाय से कहीं अधिक हिन्दू समाज के लोग भी इस ताजिये पर चढ़ावा चढ़ाकर आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हैं। देर रात ढपाली की दुलदुल आते ही चांदू मियां का ताजिया पुनः इमामबाड़े में रख दिया गया। दुलदुल ताजिये के आगे-आगे बनेठीदार अपने करतब भी दिखाते रहे।
अन्य ताजिये और जुलूस: रात को जैदून मुहल्ले के इमामबाड़े से धोबी का ताजिया निकाला गया जो अपने कदीमी इमामबाड़े तक पहुंचने के बाद पुनः फाटक में पहुंचा दिया गया। रात को शहर के अन्य आधा दर्जन ताजियों का जुलूस भी अलम और अखाड़ों के साथ निकाला गया। इन जुलूसों में अलम और अखाड़ों के आगे कर्बला की जंग का प्रदर्शन भी किया गया। मसवानी मुहल्ले से अब्दुल्ला, अजीज और रईस, जोशियाना मुहल्ले से हसनू, मो0 अकील का भी ताजिया उठाया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने दीदार करके शहीदान-ए-कर्बला को खेराज-ए-अकीदत पेश किया और ताजियों पर चढ़ावा भी चढ़ाया।
मिलाप का आयोजन: रात को उठाए गए सभी ताजियों का मिलाप आज प्रातः 10 बजे चौक चौराहे पर किया जाएगा। इस मौके पर हजारों की भीड़ उमड़ने की संभावना है। जुलूसों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात रहेगा।