लखनऊ नगर निगम का सदन सोमवार को दूसरे दिन हंगामे के साथ शुरू हुआ। कांग्रेस पार्षद ने नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि बीजेपी पार्षदों ने जोन-7 के कर्मचारी सुनील वर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बीजेपी पार्षदों ने जल निगम पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि नई बनी सड़कों को सीवरलाइन बिछाने के नाम पर खोदकर बर्बाद किया जा रहा है।

सदन में करंट से मृत युवक का मुद्दा भी उठाया गया। बीजेपी के पार्षद ने उनके वार्ड में एक खंडहर में नशे का कारोबार चलने का मुद्दा भी उठाया। बता दें कि सदन के पहले दिन 95 में से केवल 35 पार्षद ही अपनी बात रख पाए थे। ऐसे में अगर आज सभी पार्षद पहुंचते हैं, तो 75 लोग अपनी बात रख सकेंगे। पिछली बैठक में शहर में साफ-सफाई का मुद्दा छाया रहा और प्राइवेट कंपनी को लेकर पार्षदों के बीच विवाद हुआ। बीजेपी, कांग्रेस और सपा के पार्षद हमलावर रहे। वहीं, मेयर सुषमा खर्कवाल ने पार्षदों को समझाने का प्रयास किया।

नगर निगम सदन में कांग्रेस की पार्षद ममता चौधरी ने कहा कि अमृत योजना के तहत 318 करोड़ रुपए के काम कराए गए, लेकिन जमीन पर कुछ नजर नहीं आता। नगर निगम के पार्षद रणजीत सिंह ने आरोप लगाया कि अभियंत्रण विभाग की तरफ से सवालों का सही जवाब नहीं दिया जाता। नगर निगम की सड़क पर लोक निर्माण विभाग का अतिक्रमण भी नहीं हटाया जाता।

पार्षद भृगुनाथ शुक्ला ने आरोप लगाया कि उनके वार्ड में काम नहीं हुआ। इस पर मेयर ने कहा कि उनके वार्ड में काम हुआ है और उन्होंने पूरी सूची पढ़कर सुना दी। अपर नगर आयुक्त एके राव ने कहा कि शहर में बंदर पकड़ने का अधिकार वन विभाग के पास है और वे नियमों का पालन कर रहे हैं।

लखनऊ के लाला लाजपत वार्ड से बीजेपी पार्षद राघव राम तिवारी ने कहा कि उनके वार्ड में 5 करोड़ रुपए से नाला बना था, लेकिन उस पर अवैध कब्जा हो गया है, यहां तक कि अस्पताल भी तैयार हो गया है। उन्होंने पार्षदों के लिए सुरक्षा की मांग की। वहीं, चिनहट द्वितीय वार्ड के पार्षद कौशलेंद्र वर्मा ने गोमती नगर विभूति खंड की सड़कों की खराब स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि राज्य सूचना आयोग कार्यालय के सामने की सड़क में इतने गड्ढे हो गए हैं कि चलना मुश्किल हो गया है, और वहां पर सड़कों पर मलबा डालने की बजाय मिट्टी डाल दी गई है।