कानपुर। कानपुर में जालसाजों ने लीज खत्म होने के बाद फर्जी दस्तावेज के सहारे लखनऊ डायोसिस ट्रस्ट एसोसिएशन (एलडीटीए) की भूमि को दि चर्च ऑफ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन के नाम कर दी। इसके बाद ट्रस्ट का पदाधिकारी बन पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया समेत छह लोगों को 26840 वर्गगज भूमि बेच डाली।
लेखपाल विपिन कुमार के अनुसार, 1861 में पहली बार ब्रिटिश शासनकाल में बालिका अनाथालय के लिए लेडी सुपरिंटेंडेंट सोसाइटी फॉर प्रॉपगेशन (एसपीजी) मिशन को लगभग 20 हजार वर्गमीटर जमीन 99 साल के पट्टे पर दी गई थी। इसके बाद 1877 में कल्लूमल आदि ने एसपीजी मिशन को बैनामा कर दिया। फिर 1945 में जमीन एलडीटीए को दी गई।
ऐसे ही वर्ष 2008 में एलडीटीए ने यह जमीन दि चर्च ऑफ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन को 100 रुपये के स्टांप पर दे दी। फिर वर्ष 28 जनवरी 2021 को दि चर्च ऑफ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन के साइनिंग अथॉरिटी अर्पित मिश्र ने तलाक महल निवासी मोहम्मद सलीम को 450 वर्गगज भूमि लीज पर दी। पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया को बेचे दो भूखंड भी इसी तरह की प्रक्रिया से संबंधित थे।
एसोसिएशन के ट्रस्टी की हैसियत से अनिल कुमार ने श्रेयश सचान के पक्ष में 100 वर्गगज भूमि रिहायशी स्टांप पर बेच दी। इधर, एलडीटीए के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन मो. रेव जॉनसन टी जॉन ने भूमि को आवासीय बताते हुए 16190 वर्गमीटर इरशाद हुसैन, सैफ अहमद, दानिश खलीली, अनूप कुमार जायसवाल को बेच दी। वहीं, दि चर्च ऑफ इंडिया एसोसिएशन का ट्रस्टी बताते हुए अनिल कुमार ने 100-100 वर्गगज के दो भूखंड पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया को बेच दिए।
जांच के दौरान खुलेंगे कई और नाम
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नामजद आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इसके साथ ही जिन्हें जमीन बेची गई है, उनसे भी पूछताछ की जाएगी। जांच के दौरान अगर कोई नाम सामने आता है तो उस पर भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।