मुम्बई, एजेंसी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने गृह मंत्रालय द्वारा दी गई जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया है। गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले उन्हें जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला लिया था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 58 कमांडोज उनकी सुरक्षा में तैनात किए जाने थे। पवार ने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुझाए गए कुछ उपायों को मानने से इनकार कर दिया है।
क्या है जेड-प्लस सुरक्षा? जेड प्लस सुरक्षा में सीआरपीएफ के 55 सशस्त्र कर्मियों की एक टीम शामिल होती है, जो पवार की सुरक्षा के हिस्से के रूप में तैनात की जानी थी। जेड प्लस सुरक्षा उन्हीं लोगों को दी जाती है जिन्हें जान का गंभीर खतरा रहता है। भारत में प्रमुख रूप से चार सुरक्षा श्रेणियां हैं: जेड प्लस (36 सुरक्षाकर्मियों का घेरा), जेड (22 सुरक्षाकर्मियों का घेरा), वाई (11 सुरक्षाकर्मियों का घेरा), और एक्स (2 सुरक्षाकर्मियों का घेरा)।
शरद पवार विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं, जिसमें एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी), और कांग्रेस शामिल हैं। महाराष्ट्र में इस साल अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसमें भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं।
सुरक्षा लेने से इनकार और प्रतिक्रिया शुक्रवार को एक बैठक में पवार ने सुरक्षा एजेंसियों, सीआरपीएफ, और दिल्ली पुलिस के प्रतिनिधियों से अपनी असहमति जताई। उन्होंने अपने घर के अंदर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने, शहर के भीतर यात्रा के लिए वाहन बदलने और वाहन के अंदर दो सुरक्षाकर्मियों द्वारा सुरक्षा देने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने दिल्ली में अपने घर की चारदीवारी की ऊंचाई बढ़ाने के प्रस्ताव को मान लिया है।
83 वर्षीय शरद पवार, जो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री हैं, ने कहा, “मुझे नहीं पता कि मेरी सुरक्षा क्यों बढ़ाई जा रही है।”
केंद्र ने केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खतरे के आकलन की समीक्षा के बाद पवार को जेड प्लस सुरक्षा दी थी, लेकिन पवार ने इसे ठुकरा दिया है।