चौपाल संवाद
फतेहपुर: पेड़-पौधे पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए बेहद जरूरी हैं। खत्म हो रही हरियाली को बरकरार रखने के लिए हर साल सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन और वन विभाग द्वारा जनपद भर में पौधरोपण का वृहद अभियान चलाया जाता है। जिसके तहत रिकॉर्ड वृक्षारोपण होता है, लेकिन इन वृक्षों का रखरखाव न होने की वजह से यह पौधे सूख जाते हैं। इनमें से अधिकतर जगहों पर अगली साल फिर पौधरोपण करा दिया जाता है। यह सिलसिला लगातार चलता आ रहा है।
आमजन में चर्चा है कि यदि विभाग पौधारोपण के साथ-साथ इनके रखरखाव का ध्यान रखे तो चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देगी, और पर्यावरण शुद्ध होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। वृहद वृक्षारोपण के दिन आज फिर जनपद के अधिकतर जगहों पर लोगों के बीच विभिन्न सवालों पर चर्चा बनी हुई है कि भले ही वन विभाग हर साल रिकॉर्ड वृक्षारोपण कराता है, लेकिन ये वृक्षारोपण कितना सफल है? यह किसी से छिपा नहीं है, यह एक बड़ा सवाल है। जिसका उत्तर जानने को जनपद का अधिकतर जनपदवासी आज भी जिज्ञासू बना है।
प्रश्न यह भी है कि वृहद प्रचार के बाद हुए वृक्षारोपण को कितने और कौन-कौन अधिकारी वृक्षारोपण होने के बाद उन वृक्षों को दुबारा देखने जाते हैं? और जो आते भी हैं, उनमें से अधिकतर खानापूर्ति करके चले जाते हैं और आंकड़े कागजों में दर्ज हो जाते हैं। जब लोगों से इस संबंध में पूछा गया तो लोग यह भी कहते नजर आए कि जिंदा बचे पौधों की देखभाल हो तो हरियाली बढ़ेगी, पौधरोपण लगाने मात्र से नहीं। हर साल वृक्षारोपण हो, उसकी इतनी आवश्यकता नहीं है, जितनी उसके देखभाल की आवश्यकता है। लेकिन विभाग वृक्षों को लगाकर भूल जाता है, दुबारा उसकी सुधि नहीं लेता है।
जो वृक्ष पहले से लगे हरियाली बिखेर रहे हैं, वे वन विभाग और क्षेत्रीय पुलिस की लापरवाह रवैये के कारण वन माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से नेस्तनाबूद कर दिए जा रहे हैं। इस तरह हो रहे प्रकृति का नुकसान मनुष्यों को विनाश की तरफ ले जा रहा है। यही वजह है कि आज वर्षा इतनी कम होती है, जिसकी वजह से कई प्रकार के नुकसान जैसे अच्छी फसल न होना, तालाब सूखा रहना, जानवरों का पानी के लिए भटकना, लोगों को झेलने पड़ते हैं।
वहीं नाम न बताने की शर्त पर वन विभाग के ही एक जिम्मेदार ने बताया कि लोगों के आरोप से हम भी सहमत हैं। पेड़ हर साल लगा दिए जाते हैं, लेकिन संसाधान न होने के कारण उनकी देखभाल नहीं हो पाती है। क्योंकि विभाग का वृक्ष लगाने का एक लक्ष्य निर्धारित होता है, इसलिए वृक्ष लगाए जाते हैं।