अमित शाह ने कहा, आरक्षण समाप्त करने की बात करके राहुल गांधी एक बार फिर कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने लाए हैं। राहुल का बयान क्षेत्रवाद, धर्म और भाषा के आधार पर दरार पैदा करने की कांग्रेस की राजनीति को उजागर करता है।

नई दिल्ली (एजेंसी)। अमेरिका में आरक्षण को लेकर दिए राहुल गांधी के एक बयान ने भारत की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। राहुल गांधी ने कोटा पर एक सवाल के जवाब में कहा था कि अभी आरक्षण को खत्म करने का सही समय नहीं आया है। उनके इस जवाब को लेकर विवाद पैदा हो गया है और अब होम मिनिस्टर अमित शाह ने उन पर तीखा हमला बोला है। अमित शाह ने कहा, “आरक्षण समाप्त करने की बात करके राहुल गांधी एक बार फिर कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने लाए हैं। राहुल का बयान क्षेत्रवाद, धर्म और भाषा के आधार पर दरार पैदा करने की कांग्रेस की राजनीति को उजागर करता है।”

गृह मंत्री ने विस्तार से अपनी राय एक्स पर लिखी है। उन्होंने लिखा, “देशविरोधी बातें करना और देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होना राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आदत सी बन गई है। चाहे जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के देशविरोधी और आरक्षण विरोधी एजेंडे का समर्थन करना हो, या फिर विदेशी मंचों पर भारत विरोधी बातें करनी हो, राहुल गांधी ने देश की सुरक्षा और भावना को हमेशा आहत किया है। भाषा से भाषा, क्षेत्र से क्षेत्र और धर्म से धर्म में भेदभाव लाने की बात करना राहुल गांधी की विभाजनकारी सोच को दर्शाता है।”

इसके आगे वह लिखते हैं, “राहुल गांधी ने देश से आरक्षण को समाप्त करने की बात कहकर कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा एक बार फिर से देश के सामने लाने का काम किया है। मन में पड़े विचार और सोच किसी न किसी माध्यम से बाहर आ ही जाते हैं। मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूँ कि जब तक भाजपा है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता और देश की एकता के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता।”

अमित शाह ने कहा कि चाहे जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्र-विरोधी एजेंडे के समर्थन की बात हो या विदेश में भारत-विरोधी टिप्पणी करना, राहुल ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाला है। उन्होंने कहा कि भारत को बांटने की साजिश रचने वाली ताकतों के साथ खड़े होना और देश विरोधी बयान देना राहुल गांधी और कांग्रेस की आदत बन गई है। राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि भारत में आरक्षण खत्म करने का यह सही समय नहीं है। हम इसके बारे में तभी विचार करेंगे, जब भारत एक अच्छी जगह बन जाएगा। उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के छात्रों से बातचीत में कहा कि भारत में जब हालात बेहतर होंगे और सभी तक उनके अधिकार पहुंच जाएंगे, तभी इस बारे में विचार किया जा सकता है।