सांसदों से जनता के विश्वास और अपेक्षाओं का सम्मान करने की अपील करते हुए राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया हमारे लोकतंत्र को देखती है, लेकिन संसदीय आचरण से नागरिकों को निराशा होती है। उन्होंने संसद में बार-बार होने वाले व्यवधानों को जनता के विश्वास और अपेक्षाओं का मजाक बताया।
धनखड़ ने सदन में तर्कसंगत संवाद के बजाय अराजकता पर चिंता व्यक्त की और सांसदों से आत्मनिरीक्षण का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमारा कर्तव्य है कि हम परिश्रम से सेवा करें और संसदीय कार्यवाही का उपयोग देश की भलाई के लिए करें।”
सभापति ने जनता के प्रति सांसदों की जवाबदेही पर जोर देते हुए कहा कि देश के नागरिक, जो मानवता का छठा हिस्सा हैं, बेहतर संसदीय आचरण के हकदार हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सांसद गहराई से आत्मनिरीक्षण करेंगे और अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।