प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में रविवार को किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की। उन्होंने 61 फसलों की 109 नई किस्में जारी कीं, जिनमें 34 किस्में बाजरा, पशु चारा, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, फाइबर और अन्य फसलों की हैं। इसके अलावा, 27 बागवानी फसलों की नई किस्में भी जारी की गईं, जिनमें फल, सब्जी, मसाले, फूल और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में शामिल हैं।

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की और नैचुरल खेती के फायदों पर जोर दिया। उन्होंने जैविक खेती के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अब लोग जैविक फूड आइटम्स की मांग और उपभोग करना शुरू कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) को भी निर्देश दिया कि वे किसानों को नई किस्मों के बारे में जानकारी देने के लिए हर महीने कार्यक्रम आयोजित करें।

इस दौरान एनसीपी (शरद गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के आश्वासन पर सवाल उठाए। उन्होंने महाराष्ट्र के सोलापुर में एक रैली के दौरान दावा किया कि भाजपा शासन में किसानों की आत्महत्याओं की संख्या दोगुनी हो गई है और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिसके कारण वे कर्ज में डूबे हुए हैं। पवार ने कहा कि किसानों की समस्याओं को देखते हुए कर्ज माफी आवश्यक है और जब वे कृषि मंत्रालय संभाल रहे थे, तब ऐसा किया गया था।

राहुल गांधी ने भी किसानों के मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को संसद में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही थी, हालांकि बाद में उन्हें अंदर आने की इजाजत मिल गई। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो में एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा कर चुकी है और इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार पर दबाव बनाने की योजना बनाई जा रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने भी मोदी सरकार के खिलाफ नए सिरे से प्रदर्शन करने की घोषणा की है। उन्होंने 15 अगस्त को देश भर में ट्रैक्टर रैली निकालने और एमएसपी कानून की गारंटी, कर्ज माफी, फसल बीमा, किसानों और खेतिहर मजदूरों की पेंशन जैसी मांगों को लेकर आंदोलन तेज करने की योजना बनाई है।