कानपुर: समाज कल्याण निदेशालय ने कानपुर जिले के 4 हजार छात्रों को छात्रवृत्ति से वंचित कर दिया है। जिले के 25 कॉलेजों में से केवल 135 छात्रों को ही छात्रवृत्ति मिलेगी। इनमें ज्यादातर पैरामेडिकल कॉलेज हैं, जिनके परिणाम देर से घोषित हुए थे। इस निर्णय से 3865 छात्रों को बड़ा झटका लगा है। पूर्णांक और सीट लॉक करने में गड़बड़ी करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।
यूनिवर्सिटी के छात्रों को नुकसान: फरवरी में एचबीटीयू और सीएसजेएम यूनिवर्सिटी की तरफ से सीट लॉक करने में गड़बड़ी की गई थी। इसके अलावा, कई पैरामेडिकल कॉलेजों के छात्रों ने परिणाम जारी न होने के कारण पूर्णांक भरने में गड़बड़ी कर दी थी। इस वजह से करीब 4000 छात्रों का डेटा निदेशालय तक नहीं पहुंच पाया था।
निदेशालय को भेजी गई रिपोर्ट: संस्थानों के प्राचार्य और कुलपति ने छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जताई थी और समाज कल्याण अधिकारी को समस्या बताई थी। जिलाधिकारी और समाज कल्याण विभाग ने इस मामले की जानकारी समाज कल्याण निदेशालय को दी थी।
निदेशालय का निर्णय: समाज कल्याण निदेशालय ने उन छात्रों को छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया, जिनका परिणाम किसी कारणवश लेट हो गया था। जिन संस्थानों का परिणाम समय पर जारी हो गया था और जिन्होंने छात्रों के पूर्णांक में सुधार नहीं किया या जिन छात्रों ने सीट लॉक करने में गड़बड़ी की, उन्हें छात्रवृत्ति से वंचित कर दिया गया है।
इन कॉलेजों के छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति:
- आस्था नर्सिंग कॉलेज
- आनंदा स्कूल ऑफ नर्सिंग, श्यामनगर
- अनुराग इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मा मेडिकल साइंस
- चौ. हरमोहन सिंह फार्मा मेडिकल साइंस एंड नर्सिंग इंस्टीट्यूट, मदनपुर
- चांदनी चारिटेबल हॉस्पिटल सोसाइटी, आर्यनगर, लखनपुर
- चित्रा डिग्री कॉलेज, नौबस्ता
- दीपक भदौरिया टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज
इस निर्णय के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि छात्रवृत्ति केवल उन छात्रों को मिलेगी, जिन्होंने पूर्णांक भरने और सीट लॉक करने में कोई गड़बड़ी नहीं की है और जिनके परिणाम देर से घोषित हुए थे। इससे अन्य छात्रों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।