- दस मोहर्रम की देर रात अकीदतमंदों का उमड़ा सैलाब
- शांतिपूर्ण मोहर्रम समाप्त होने पर जिला प्रशासन ने ली राहत की सांस
फतेहपुर। दस दिवसीय मोहर्रम पर्व शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया। अंतिम दिन सुप्रसिद्ध चांदू मियां का ताजिया सुपुर्द-ए-खाक हुआ, जिसमें अकीदतमंदों की भारी भीड़ रही। ताजिया और अलम जुलूसों में हमेशा की तरह हिन्दू-मुस्लिम एकता का संगम देखने को मिला। मोहर्रम पर्व के दौरान बेहतर सुरक्षा व्यवस्था पर राईन समाज के चौधरी ने आभार जताया। जिले के कोने-कोने से अकीदतमंद ताजिया का दीदार करने के लिए शहर आए थे, जिससे शहर के अधिकतर मार्ग और गलियां लोगों से गुलजार रहीं।
लाला बाजार में मेले जैसा माहौल रहा। घरेलू सामान के साथ-साथ महिलाओं की श्रृंगार संबंधित सामग्री और बच्चों के खिलौने तथा खाद्य पदार्थों की दुकानें सजी रहीं। बाहर से आने वाली महिलाओं ने जहां दुकानों से खरीदारी की, वहीं बच्चों ने मनपसंद खिलौने खरीदे। साथ ही लोगों ने खाद्य पदार्थों की दुकानों में सजे पकवानों का लुत्फ उठाया।
मोहर्रम पर्व दस दिनों तक मनाया जाता है जो चांद देखने के बाद शुरू हो जाता है। हर दिन अलग-अलग स्थान से ताजिया उठाए जाते हैं। पाँच तारीख से यह पर्व अपने शबाब पर पहुंचने लगता है क्योंकि पाँचवीं को अलम जुलूस में शहर भर के अलम शामिल होते हैं और छठवीं मोहर्रम को छह ताजियों का मिलाप होता है। सातवीं को पलंग जुलूस उठता है। आठवीं को सभी ताजिया अपने-अपने इमामबाड़े पर रखे होते हैं। ताजियों पर मन्नतें भी मानी जाती हैं और जिनकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं, वे चढ़ावा भी चढ़ाते हैं।
चढ़ावा चढ़ाने का सिलसिला यूं तो आठवीं से ही शुरू हो जाता है लेकिन नवीं को यह सिलसिला देखते ही बनता है क्योंकि 9वीं से मुख्य ताजिया उठते हैं, जिसमें चांदू मियां का प्रसिद्ध ताजिया शामिल रहता है। चांदू मियां का ताजिया सहित सभी ताजिया लगभग अर्द्धरात्रि से उठाए गए, जो अपने कदीमी रास्तों से घूमते हुए भोर के समय मुस्लिम इंटर कॉलेज पहुंचे। जहां पर इनका दसवीं की सुबह लगभग नौ बजे मिलाप हुआ। चांदू मियां को छोड़कर सभी ताजिया देर रात ठंडे कर दिए गए। चांदू मियां का ताजिया गुरुवार की सुबह लगभग नौ बजे तकिया चांद शाह स्थित इमामबाड़े पहुंचा, जहां नम आंखों के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
हर दिन की अपेक्षा अकीदतमंदों की भारी भीड़ रही। सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए थे। ताजिये के साथ-साथ पुलिस बल चलता रहा।
अकीदतमंदों की भीड़ के टूटे रिकॉर्ड
फतेहपुर। इस बार मोहर्रम पर्व में पहली ही तारीख से अकीदतमंदों की भीड़ सड़कों पर दिखने लगी थी। जैसे-जैसे पर्व की तारीख आगे बढ़ी, अकीदतमंदों की भीड़ भी बढ़ती चली गई। दस मोहर्रम की सुबह से ही शहर के प्रत्येक मार्ग पर भीड़ देखी गई। शहर के आबूनगर इलाके में भी ताजियों का मिलाप भारी भीड़ के बीच हुआ। उधर पीरनपुर इलाके में भी पैर रखने की जगह नहीं रही।
ग्यारह मोहर्रम को चांदू मियां का ताजिया जब अपने इमामबाड़े पर पहुंचा, तो अपार जनसैलाब के बीच ताजिये के फूल सुपुर्द-ए-खाक किए गए। इस वर्ष भीड़ ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। चांदू मियां का ताजिया सुपुर्द-ए-खाक होने के बाद भीड़ एकाएक लाला बाजार की ओर चल पड़ी, जहां हलवा समेत अन्य सामग्री की दुकानों पर जमकर बिक्री हुई।