कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) में जनपद स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी एवं तिलहन मेला का आयोजन किया गया। इस मेले का आयोजन प्रसार निदेशालय द्वारा किया गया था, जिसमें कृषि, रेशम, उद्यान, पशुपालन, बैंक, फसल बीमा कंपनी, नेडा, मत्स्य, कृभको, इफ्को, जैविक खेती आदि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के स्टॉल लगाए गए।


मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने कृषकों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करते हुए कहा कि अत्यधिक कृषि रसायनों और उर्वरकों के प्रयोग से वायु, जल, और मृदा प्रदूषण की समस्याएं बढ़ रही हैं। उन्होंने किसानों को सुझाव दिया कि वे कम क्षेत्रफल में ही जैविक खेती प्रारंभ करें, जिससे पौष्टिक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और बाजार में जैविक उत्पाद का अच्छा मूल्य मिलने से उनकी आमदनी भी बढ़े। इसके अतिरिक्त उन्होंने कृषि विविधीकरण जैसे पशुपालन, मत्स्य पालन, और रेशम उत्पादन करने की सलाह दी, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय के स्रोत प्राप्त हो सकें।


जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य उत्पादन में वृद्धि के लिए नवीनतम कृषि तकनीकों से कृषकों को अवगत कराना है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि नहरों की सिल्ट सफाई का रोस्टर समय से प्रस्तुत किया जाए ताकि किसानों को टेलों तक समय पर पानी उपलब्ध हो सके। साथ ही उन्होंने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया, जिससे वे आवश्यकतानुसार ऋण लेकर कृषि निवेश की व्यवस्था कर सकें। उन्होंने दलहन, तिलहन, और श्रीअन्न फसलों को बढ़ावा देने की भी सलाह दी।


गोष्ठी में संयुक्त कृषि निदेशक कानपुर मंडल डॉ. अशोक कुमार तिवारी, उप निदेशक कृषि चौधरी अरुण कुमार, सीएसए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. महक सिंह, डॉ. संजीव कुमार सिंह, डॉ. अखिलेश मिश्रा, डॉ. वीके कनौजिया, डॉ. सोहनलाल वर्मा आदि उपस्थित रहे।