कानपुर देहात के जिला अस्पताल में बनी बर्न यूनिट पांच साल से ताले में बंद है और अब तक एक भी मरीज का उपचार नहीं कर सकी है। 2019 में बर्न यूनिट का भवन जिला अस्पताल को मिल गया था, लेकिन उपकरणों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती न होने के कारण इसका संचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है।
जनपद में आग से झुलसे मरीजों की संख्या काफी अधिक है, विशेषकर गर्मी के मौसम में, लेकिन बर्न यूनिट के अभाव में सभी मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। 2012 में बर्न और प्लास्टिक सर्जरी यूनिट की स्वीकृति मिली थी, लेकिन बजट की कमी के कारण निर्माण कार्य में सात साल लग गए।
2019 में भवन मिल जाने के बावजूद पांच साल से यह बंद पड़ा है क्योंकि स्टाफ और उपकरणों की तैनाती नहीं हो सकी है। जिला अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन, जनरल सर्जन, स्टाफ नर्स, और अन्य कर्मियों की तैनाती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
नतीजतन, आग से झुलसे मरीजों को इलाज के लिए कानपुर रेफर करना पड़ता है, जिससे लोगों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। जनपद के लोगों को अब भी इस यूनिट के शुरू होने का इंतजार है ताकि उन्हें अपने जिले में ही बेहतर इलाज मिल सके।