सदन में सांसदों का ऐसा आचरण होना चाहिए, जिससे लोगों का विश्वास बढ़े: बिरला

कोटा, एजेंसी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और यहां का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। इसलिए सभी सांसदों का यह दायित्व है कि वे इस तरह का बर्ताव और आचरण करें जिससे लोगों का इसके प्रति विश्वास बढ़े।

लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आए श्री बिरला ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। इसलिए निर्वाचित सदस्यों को सदन में इस तरह का आचरण करना चाहिए जिसकी प्रशंसा दुनियाभर में हो। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में विभिन्न मतों, विचारों और सोच वाले लोग निर्वाचित होकर आते हैं। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।”

उन्होंने कहा कि सदन में जब निर्वाचित सदस्य चर्चा करते हैं तो इससे देश के विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। विभिन्न सदस्यों की राय और परामर्शों के जानने के बाद सरकार को जन कल्याण की नीतियों को बनाने में मदद मिलती है।

उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष का पद सौंपे जाने के लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “पूर्व के अनुभवों से सबक लेते हुए मैं कोशिश करूंगा कि सदन की कार्यवाही इसकी परंपराओं और मर्यादाओं के अनुसार अधिक से अधिक समय तक चले और सभी सदस्यों को इसमें भाग लेने और बोलने का समुचित अवसर मिले। हमारी कोशिश होती है कि सदन की कार्यवाही ज्यादा से ज्यादा समय तक चले। हाल ही सम्पन्न हुए संसद सत्र के दौरान हमने रात 12 बजे तक सदन की कार्यवाही संचालित करवायी थी। इससे सदस्यों को अपनी राय रखने और अपने क्षेत्र की समस्याओं को रखने का पर्याप्त अवसर मिलता है।”

उन्होंने सदन में दलगत स्थिति में हुए परिवर्तन और श्री राहुल गांधी के विपक्ष के नेता चुने जाने और सदन की कार्यवाही को संचालित करने में आने वाली चुनौतियों के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यह चुनौती नहीं, बल्कि अवसर है। उन्होंने कहा, “हमारे लिए कोई भी सदस्य विरोधी नहीं है। लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष के बीच होने वाली चर्चा के सकारात्मक परिणाम निकलते हैं और देश के विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।”

कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र के विकास की योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र मेरा परिवार है। यहां से मैं छात्र राजनीति से सक्रिय रहा हूं। इसके बाद सामाजिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय हूं। वर्ष 2003 से मैं इस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा हूं। लोगों का पर्याप्त प्यार हमें मिला है। कोटा-बूंदी एक ऐसा क्षेत्र है जहां कृषि से संबंधित रोजगार को विकसित करने के काफी अवसर हैं। इस क्षेत्र में पर्याप्त पानी है, क्योंकि यहां पर चंबल नदी है।”