ट्रस्ट के माध्यम से प्रोफेशनल कोर्स करके अपने सपनो को करे साकार – जावेद
आज का चौपाल
खखरेरू फतेहपुर मिडॉक हेल्प फाउंडेशन के माध्यम से लें जीरो कॉलेज फीस पर प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश आज श्री साधू शरण सिंह इंटर कॉलेज में फ्री कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया है फ्री कोर्स के लिए बीएससी नर्सिंग, डी फार्मा कोर्स में सायदा बानो, दीक्षा देवी, रिया सिंह, अंजली सिंह, आरती सिंह, सारिका सिंह, ने रजिस्ट्रेशन कराया इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जावेद ख़ान साधु शरण सिंह शैलेश कुमार सिंह इशाक अहमद प्रदीप सिंह एवम् विद्यार्थियों के अभिभावक मोइद अहमद खान लवकुश कुमार मौजूद रहें।
हिंदुस्तान की एकमात्र संस्था मिडॉक हेल्प फाऊंडेशन के माध्यम से डॉक्टर और इंजीनियरिंग का सपना देख रहे छात्रों के लिए बहुत ही सुनहरा मौका है अब ना तो लोन न डोनेशन ना ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की जरूरत पड़ेगी किसी भी तरह का कोई भी प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश हिंदुस्तान के बेस्ट यूनिवर्सिटी और बेस्ट कॉलेज में जीरो कॉलेज फीस पर संस्था के माध्यम से प्रवेश ले सकते हैं एस एस जी एजुकेशन क्रांति की शुरुआत अलवर राजस्थान से राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्तकीम बेसर साहब के मार्गदर्शन में शुरू होकर हिंदुस्तान के हर कोने तक पहुंच रही है इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में भी इसकी पहल हो चुकी है उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष जावेद खान ने कहा कि 10वीं और 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद यदि आप हमारी संस्था के माध्यम से किसी भी प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश लेना चाहते हैं अगर किसी भी जाति मजहब या समुदाय के हो तो आपकी हॉस्टल एवं परीक्षा शुल्क को छोड़कर कॉलेज के कोर्स के 100% ट्यूशन फीस की जिम्मेदारी हमारी संस्था की होगी आप लोगों को ट्रस्ट की स्कॉलरशिप के अलावा सरकार के द्वारा भी स्कॉलरशिप मिल सकती है और आप अपने रहने खाने और परीक्षा शुल्क की जिम्मेदारी को सरकार द्वारा आ रही स्कॉलरशिप से मेंटेन कर सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष जावेद खान ने इसकी पहल करते हुए कहा कि मिशन एजुकेशन क्रांति का मकसद उच्च शिक्षा को देश के घर-घर तक पहुंचना है यह तभी संभव है जब हायर एजुकेशन पूरी तरह आर्टिकल 21 A के तर्ज पर फ्री कर दी जाए संस्था का मकसद हिंदू मुस्लिम सिख इसाई बच्चे और बच्चियों को जीरो ट्यूशन फीस पर शिक्षा प्रदान करना है अतः हमारी संस्था से जुड़कर बेहतर हायर एजुकेशन प्राप्त कर सकते हैं और कैरियर गाइडेंस प्रोगाम का हिस्सा बन सकते हैं अनुच्छेद 21 के तहत भारत में 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा फ्री दी जाती है लेकिन जब हम हायर एजुकेशन की तरफ जाते हैं तो यह शिक्षा महंगी होती चली जाती है बच्चों से फीस के नाम पर लाखों रुपए वसूले जाते हैं और हर पेरेंट्स को फीस देने में असमर्थ होता है जिससे या तो बच्चा पढ़ाई छोड़ देता है या फिर अभिभावक लाखों के कर्ज के बोझ में दब जाते हैं जिसको लेकर हम और हमारी संस्था ने गहन मंथन कर उन मेधावी छात्र व छात्राओं को संस्था के माध्यम से पूरी फीस भरने का जिम्मा लिया