कानपुर। नगर निगम सदन की कार्यवाही के दौरान सपा और कांग्रेस गठबंधन की खूब चर्चा हुई। मतदान को लेकर पार्टियों के बीच सहमति न बनने पर मेयर ने तंज कसते हुए कहा कि वैसे तो सपा और कांग्रेस खूब एकता दिखाते हैं। राहुल और अखिलेश खूब गले मिलते हैं। सदन में सपा-कांग्रेस पार्षद एकता दिखाएं और संयुक्त प्रत्याशी घोषित करें। इस पर सपा पार्षद दल नेता जावेद अख्तर गुड्डू ने कहा कि सपा पार्षदों की संख्या ज्यादा है, इसलिए सीट उन्हें मिलनी चाहिए। इस पर कांग्रेस नेता सुहैल अहमद ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सीट हमें मिलनी चाहिए।

नहीं बनी सहमति, चुनाव की तैयारी

12 बजे सदन 40 मिनट के लिए स्थगित किया गया। लेकिन करीब 1:30 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। इस दौरान मेयर ने सभी से सहमति के आधार पर चुनाव कराने के लिए पूछा, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी। इसके बाद मेयर ने चुनाव कराने की घोषणा कर दी। इसके बाद अधिकारी मतदान कराने के लिए जुट गए।

12 सदस्यों में छह को लॉटरी के माध्यम से बाहर किया

कानपुर नगर निगम कार्यकारिणी की चुनी गई पहली समिति के एक साल पूरे हो गए हैं। मंगलवार यानी आज समिति के 12 सदस्यों में छह को लॉटरी के माध्यम से बाहर कर दिया गया। लॉटरी से बाहर होने वाले सदस्यों में पवन गुप्ता, विकास जायसवाल, अंजुली दीक्षित, निदेशर् सिंह चौहान, आशुमद्रंे प्रताप सिंह और संतोष साहू शामिल हैं। वे सभी भाजपा से जुड़े हुए हैं। अब देवेंद्र द्विवेदी, दीपक शर्मा, आरती गौतम, योगेंद्र शर्मा, अभिषेक गुप्ता और लियाकत अली कार्यकारिणी सदस्य बचे हैं। हटाए गए सदस्यों की खाली सीट को भरने के लिए चुनाव होगा। सदन 11:45 बजे बुलाया गया। महापौर ने कहा कि सभी दल प्रत्याशी तय कर लें। हालांकि, मेयर ने सर्वसम्मति से चुनाव कराने को कहा। महापौर ने व्यवस्था बनाने के लिए 40 मिनट के लिए सदन स्थगित कर दिया।

सपा पार्षदों ने मांगी सीट

नगर निगम में सपा के 18 पार्षद हैं। कार्यकारिणी में 6 सीट खाली होने के बाद सपा ने एक सीट पर दावा ठोक दिया है। मतदान भी हुआ तो सपा एक सीट आराम से निकाल लेगी। वहीं इस बार नगर निगम सदन में पार्षद पति को एंट्री नहीं दी जा रही है।

30 जून को पूरा हो गया था एक साल

नगर निगम कार्यकारिणी समिति के 30 जून को एक साल पूरे हो गए हैं। इस बार चुनाव में 110 पार्षद और 11 पदेन सदस्य वोट डालेंगे।

निर्दलीयों ने भी ठोकी ताल

निर्दलीयों ने भी एक सदस्य कार्यकारिणी में शामिल करने की मांग की है। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि पार्षदों से बात करके सर्वसम्मति से चुनाव कराने का प्रयास होगा। कुछ निर्दलीय पार्षदों ने दावा किया कि उन्हें पिछली बार आश्वासन दिया गया था, इस बार वे चुनाव में खड़े होंगे।