फतेहपुर जिले में नाग पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों और बड़ों में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला। नाग पंचमी के इस पर्व को विभिन्न स्थानों पर परंपरागत ढंग से मनाया गया। कई स्थानों पर भव्य गुड़ियों के मेले का आयोजन हुआ, जहां लोगों ने जमकर खरीदारी की।

  • शहर के कई मोहल्लों में मेले का आयोजन हुआ। यहां नाग पंचमी को गुड़िया पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। बच्चों ने कपड़े की रंग-बिरंगी गुड़ियों को नीम की डंडी से कूटा, जो इस पर्व की एक विशेष परंपरा है। बहुआ, बिंदकी, खागा, जहानाबाद, अमौली, गाजीपुर, असोथर, और हुसेनगंज सहित अन्य स्थानों में भी इस परंपरा का पालन किया गया।
  • कई मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था, जहां श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने विशेष श्रंगार कर मंदिरों और मेलों में भाग लिया।
  • नाग पंचमी के अवसर पर ज्यादातर हिंदू घरों में पकवान बनाए गए। सावन माह के चलते त्योहार में झूला झूलने की परंपरा भी निभाई गई, हालांकि शहर में झूला नजर नहीं आया, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में झूलों की मस्ती देखने को मिली।

नाग पंचमी से एक दिन पहले, गुरुवार की रात को नाग चतुर्थी मनाई गई। इस दिन सर्प को दूध पिलाने की परंपरा निभाई गई। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने घर के बाहर दूध रखकर सर्प को बुलाते हैं, जिससे माना जाता है कि घर की सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

हालांकि पर्व के दिन सुबह से शुरू हुई बारिश ने मेले और मंदिरों में जाने वाले लोगों के लिए कुछ दिक्कतें पैदा कीं, लेकिन इसके बावजूद लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ।

नाग पंचमी के इस हर्षोल्लास के पर्व में सभी ने मिलकर आनंद लिया और परंपराओं का पालन किया।