नई दिल्ली, एजेंसी। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को कहा कि मूसलाधार बारिश के कारण मुडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों में हुए बड़े भूस्खलन के दो दिन बाद, सेना ने सरकार को सूचित किया है कि मलबे में फंसे अधिकांश लोगों को बचा लिया गया है।

विजयन ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा ध्यान उन लोगों को बचाने पर है जो अलग-थलग कर दिए गए हैं। मैं सेना के जवानों के प्रयासों की सराहना करता हूं। उन्होंने हमें सूचित किया है कि फंसे हुए अधिकांश लोगों को बचा लिया गया है।”

उन्होंने कहा कि मिट्टी के नीचे फंसे लोगों को बचाने के लिए मशीनरी लाना मुश्किल था और पुल बनाने से प्रयास आसान हो गए। सीएम ने कहा कि बेली ब्रिज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।

उन्होंने कहा कि स्थिति का जायजा लेने के लिए दिन में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई और राजनीतिक दलों की एक बैठक भी बुलाई गई, जिसमें विपक्ष भी शामिल था। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा ध्यान अलग-थलग पड़े लोगों को बचाने पर है।”

उन्होंने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए नदी में बचाव अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बचाए गए लोगों को अस्थायी रूप से शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है। पुनर्वास कार्य यथाशीघ्र किया जाएगा, जैसा कि हमने पहले भी किया है।

उन्होंने मीडिया से लोगों से मिलने और शिविरों के अंदर शूटिंग करने से बचने का भी अनुरोध किया। सीएम ने कहा, “आप शिविरों के बाहर उनसे बात कर सकते हैं, व्यक्तियों की गोपनीयता की रक्षा करना महत्वपूर्ण है।”

विजयन ने कहा कि जीवित बचे लोगों को मनोवैज्ञानिक सहायता देना और महामारी को फैलने से रोकना भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस आपदा में सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि कई जानवर भी मारे गए हैं। इन सबको ठीक से दफनाना है।

चार मंत्रियों की एक समिति यहां डेरा डालेगी और गतिविधियों का समन्वय करेगी। जिन लोगों के सर्टिफिकेट खो गए हैं, सरकार उन्हें दोबारा जारी करेगी। वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन में 173 लोगों की मौत हो गई है।