कानपुर में कमलेश फाइटर और उसके गिरोह के मामले में पुलिस ने कई अहम खुलासे किए हैं। कमलेश फाइटर, जो पहले मजदूरी करता था, अब संगठित अपराध में लिप्त होकर वसूली और धमकी जैसे कार्यों में संलग्न है।
कमलेश के गुरु संजय पाल उर्फ दद्दा के जेल जाने के बाद उसके साले सूरज ने वीडियो बनाने और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने का काम संभाल लिया। कमलेश ने बांदा और ओरछा में पुलिस के खिलाफ वीडियो बनाकर वायरल किया, जिसमें उसके साले सूरज ने मदद की थी।
कमलेश के गिरोह में 25 से 30 लोग शामिल हैं, जो शहर में घूम-घूमकर मकान निर्माण और अन्य गतिविधियों की जानकारी जुटाते थे। फिर मकान मालिकों को केडीए से कार्रवाई करवाने या खबर लिखे जाने की धमकी देकर पैसे वसूलते थे। कमलेश ने आरटीआई और आईजीआरएस के जरिये केडीए में शिकायतें भी कीं, जिससे लोगों को धमकाने में सफलता मिली।
कमलेश के गैंग में शानू लफ्फाज, मोहम्मद रियाज, मुशीर, राजा त्रिपाठी, संजय पाल, और सूरज जैसे शातिर अपराधी शामिल हैं। पुलिस ने कमलेश के खिलाफ गैंगस्टर की धारा भी बढ़ाई है और फरार साथियों की तलाश में दबिश दे रही है।
कमलेश ने पुलिस को अपनी आपबीती बताई कि वह छह साल पहले मजदूरी करता था और उसकी पत्नी लोगों के घरों में चौका बर्तन करती थी। उसके ऊपर लगातार मुकदमे दर्ज हो रहे थे, जिससे बचने के लिए वह संजय पाल की मदद से यू-ट्यूब और एक अखबार में काम करने लगा था।
फरारी के दौरान कमलेश लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश भी कर चुका है, लेकिन उसे वांछित अपराधी होने के कारण मिलने नहीं दिया गया। अंततः उसे बांदा से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस कमलेश के पुराने पांच मामलों की भी दोबारा जांच कराने की तैयारी कर रही है, जबकि 20 दिनों में दर्ज हुए छह नए मामलों में शामिल शातिरों की गिरफ्तारी की जा रही है।