लखनऊ, (यूएनएस)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वृक्षों को लगाना बहुत जरूरी है, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी उन्हें बचाना है। श्री मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस वर्ष ग्राम्य विकास विभाग के 12.59 करोड़ पौधों के रोपण के लक्ष्य को समय से पूरा किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि लक्ष्य को निर्धारित तिथि तक हर हाल में पूरा किया जाए। रोपित पौधों की जीवन्तता हेतु रोपण के पश्चात आगामी 3 वर्षों अथवा पौधों के वृक्ष के रूप में स्थापित होने तक सुरक्षा एवं रखरखाव किया जाए। हमें बच्चों की तरह वृक्षों और पौधों की परवरिश करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकार और समाज दोनों को मिलकर काम करना होगा, तभी हम अपनी पीढ़ी को स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण दे पाएंगे। पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के दृष्टिकोण से ही अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है। हम सबको संकल्प लेना चाहिए कि परमार्थ का भाव रखते हुए वृक्षारोपण करें और पौधों को बचाएं। वृक्षों की महत्ता और महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वृक्ष धरा के आभूषण हैं, इनसे हमें शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है और पर्यावरण संरक्षित रहता है। स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत के दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री ने जो संदेश दिया था, उसके परिणाम सार्थक और सकारात्मक परिणाम निखर कर आए हैं लेकिन अभी इस क्षेत्र में बहुत कुछ करना बाकी है।

श्री मौर्य ने कहा कि हम सब लोग वातावरण को स्वच्छ रखने तथा वृक्षों को संरक्षित रखने के संगठित रूप से प्रयास करें, तभी आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित पर्यावरण दे पाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि हम अपने मित्रों व आसपास के लोगों को पर्यावरण सुरक्षा हेतु प्रेरित करें व अधिक से अधिक पौधे लगाएं। श्री केशव प्रसाद मौर्य ने आम जनमानस का आह्वान किया है कि सभी लोग पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन में अपना योगदान दें तथा अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।

मौर्य ने कहा है कि लक्ष्य से अधिक उच्च गुणवत्ता प्राप्त करने वाले तीन जनपदों को चिन्हित कर सम्मानित किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व व निर्देशन में वृक्षारोपण को सफल बनाने हेतु ग्राम्य विकास विभाग पहले से ही सक्रिय है। विभाग को मिले लक्ष्य के अनुसार सभी जनपदों को भी लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए गए निर्देशों के क्रम में वृक्षारोपण को लेकर माइक्रो प्लानिंग की गई है। साथ ही व्यक्तिगत लाभार्थियों को भी मांग के अनुसार नियमानुसार फलदार पौधे उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

लक्ष्य के सापेक्ष प्रत्येक जनपद में ग्राम्य पंचायत स्तर पर वृक्षारोपण स्थल का चयन करते हुए अग्रिम मृदा कार्य, गड्ढा खुदान, पौध की सुरक्षा, निराई, गुड़ाई, सिंचाई, एवं उचित खाद, कीटनाशक की व्यवस्था करना सुनिश्चित करने के पूर्व में ही निर्देश जारी किए गए हैं। मनरेगा योजनांतर्गत बांस का रोपण नदियों के किनारे करने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि मनरेगा योजनान्तर्गत मास्टर सर्कुलर 2024-25 के प्रस्तर-7.6.10 निहित शर्तों के अनुसार पौधों की सुरक्षा हेतु कार्यवाही की जाए। जहां तक संभव हो रोपित पौधों की देखभाल कृषि सखी व वृक्ष सखी के माध्यम से कराने पर विचार किया जाए।

कृषकों की मांग के अनुरूप पौधों की उपलब्धता हो, इसे भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वृक्षारोपण में 20 प्रतिशत फलदार पौधों को भी सम्मिलित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में मोरिंगा प्लांटेशन की कार्यवाही प्राविधानित की जाए। वन विभाग द्वारा ग्राम्य विकास विभाग को नि:शुल्क पौधे उपलब्ध कराने के निर्देश हैं। मनरेगा योजना से बांस का रोपण नदियों के किनारे पर किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अमृत सरोवरों के चारों ओर फलदार और छायादार पौधों का रोपण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि रोपण के पश्चात पौधों की देखरेख एवं प्रतिस्थापन संबंधी कार्य में भी श्रमिकों को नियोजित किया जाए, जिससे समस्त नियोजित श्रमिक परिवारों को 100 दिन का रोजगार दिया जा सके।

ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी द्वारा जनपदों को वृक्षारोपण के लक्ष्य को समय से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।