मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे। सीएम का हेलीकॉप्टर रामकथा पार्क पर उतरा। उन्होंने हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन किए। इसके बाद, अशर्फी भवन में पंच नारायण महायज्ञ में आहुति अर्पित की।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीहरि की कृपा से सृष्टि संचालित है। अयोध्या त्रेतायुग की अवधारणा को जीवंत कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व मानवता को बचाने के लिए सनातन धर्म को सुरक्षित रखना जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि विरासत और भौतिक विकास का समन्वय होना चाहिए।

सीएम ने कहा कि सनातन धर्म में वसुदेव कुटुंबकम की बात की गई है, जो सबके कल्याण की अवधारणा पर आधारित है। उन्होंने हिंदुओं के साथ हो रही घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हिंदुओं के साथ क्या हुआ, यह सभी देख रहे हैं।

योगी ने कहा कि काशी, राम जन्मभूमि, मथुरा, संभल और भोज में मंदिरों को नष्ट किया गया। उन्होंने कहा कि जिन्होंने मंदिरों को अपवित्र किया, उनके कुल-वंश नष्ट हुए। उन्होंने कहा कि भारत में सनातन धर्म ही राष्ट्रीय धर्म है और इसकी रक्षा के लिए सबको मिलकर कार्य करना होगा।

उन्होंने कहा कि अशर्फी भवन सैकड़ों वर्षों से अपनी परंपरा के लिए जाना जाता है। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को यज्ञ मानकर धार्मिक पीठों के योगदान की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 5 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखी थी और 22 जनवरी 2024 को रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हुए।

इसके बाद मुख्यमंत्री सरयू अतिथि गृह पहुंचे, जहां उन्होंने महाकुंभ, रामलला प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ महोत्सव और मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, खाद्य रसद मंत्री सतीश शर्मा, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर और खेलकूद मंत्री गिरीश यादव उपस्थित थे।