कानपुर। कानपुर में मैरी एंड मेरीमैन स्कूल कम्पाउंड कब्जा कांड के बाद प्रशासन ने एक और एक्शन लिया है। एक हजार करोड़ की कीमत वाली एपी-फैनी कंपाउंड पर कब्जा कर, इसे बेचने वाले 5 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद इसे सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया गया है। तहसीलदार ने कब्जा लेते हुए इसकी सूचना गेट के बाहर लिखवाई। बता दें कि 10 अरब की कीमत वाली जमीन पर माफियाओं ने कब्जा किया और प्लॉटिंग कर इसे बेच दिया गया।

सिविल लाइंस की मैरी एंड मेरी स्कूल कंपाउंड की जमीन कब्जाने के बाद प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित पर एक्शन हुआ था। ठीक इसी तरह चुन्नीगंज स्थित 10 अरब की एपी फैनी कंपाउंड की जमीन बेचने को लेकर डीएम ने जांच बिठाई थी। जांच में जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त का खुलासा हुआ था। इसमें ईसाई ट्रस्ट बनाकर उनके अधिकृत हस्ताक्षर करने वालों ने जमीनों पर प्लॉटिंग कर इसे अवैध रूप से बेच दिया।

जांच में यह भी सामने आया कि मिशनरियों की लीज समाप्त होने के बाद यह जमीन सरकार की हो चुकी है। जांच पूरी होने के बाद लेखपाल विपिन कुमार की तहरीर पर कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई। प्रशासन की जांच पूरी होने के बाद अब यह जमीन पूरी तरह से सरकारी घोषित हो चुकी है।

पुलिस ने इस मामले में कानपुर के रेलवे कॉलोनी निवासी अनिल कुमार, गंगापुर यशोदा नगर निवासी अर्पित मिश्रा, एम ब्लॉक किदवई नगर निवासी दीपक कुमार, केडीए कॉलोनी गंगा विहार निवासी दुर्योधन कुमार और हाथरस निवासी मो. रेव जॉनसन टी जॉन के खिलाफ धोखाधड़ी और कूट रचित सरकारी दस्तावेज बनाने व उनका प्रयोग करने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।

जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में खुलासा

लेखपाल विपिन कुमार द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि नजूल मैनुअल के अनुसार लीज की अवधि समाप्त होने के बाद ऐसी भूमि स्वतः राज्य सरकार की हो जाती है, और ऐसी भूमि पर राज्य सरकार का पुनः प्रवेश माना जाता है। इस संबंध में शासन का अध्यादेश पहले ही आ चुका है। रिपोर्ट में बताया गया कि नजूल संपत्ति रजिस्टर के अनुसार एपी फैनी कंपाउंड चुन्नीगंज नजूल के प्लाट संख्या 34, ब्लाक संख्या 14 पर स्थित है।

यह संपत्ति मिशन गर्ल्स आर्फनेज के नाम दर्ज थी, जिसकी लीज समाप्त हो चुकी है। संपत्ति का उपयोग केवल बालिका अनाथालय के लिए होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एसडीएम सदर की टीम ने की। जमीन खरीदने वालों के ट्रांजेक्शन के अलावा जमीन के दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी, और पुलिस सभी के बयान दर्ज करेगी।