कानपुर। विजन आई सेंटर, नई दिल्ली के चेयरमैन और पद्मश्री डॉ. अशोक कुमार ग्रोवर ने रविवार को कानपुर ऑफथॉलमिक एसोसिएशन के 15वें वार्षिक अधिवेशन के दौरान बताया कि वर्तमान समय में आंखों में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण सफेद मोतियाबिंद है, जिससे लगभग 60% मरीज पीड़ित होते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब आंखों के इलाज के मामले में दुनिया के शीर्ष 4 देशों में से एक है, और यहां पर हर तरह का इलाज उपलब्ध हो गया है। पहले जिन बीमारियों का विश्वभर में कोई इलाज नहीं था, वे अब भारत में संभव हो गए हैं, जैसे कि आंखों की पलकों का इलाज, आंसू के ड्रेनेज का इलाज, और एसथेटिक सर्जरी।

डॉ. ग्रोवर ने बताया कि अब भारत में स्टेम सेल थेरेपी भी होने लगी है, जो आंखों के इलाज के लिए काफी कारगर सिद्ध हो रही है। इसमें मरीज के शरीर का ही सेल निकाल कर दोबारा उसे वही सेल दिया जाता है, जिससे आंखों की रोशनी वापस आ जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि अब यह थेरेपी भारत के कई बड़े सेंटरों में हो रही है, और भारत ने सर्जिकल तकनीकों में भी काफी तरक्की की है।

डॉ. ग्रोवर ने जोर देकर कहा कि यह जरूरी है कि बेस्ट सर्विसेज ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचें, ताकि आर्थिक अभाव के कारण कोई भी व्यक्ति अपनी आंखों की रोशनी न खोए। इसके लिए उन्होंने मेडिकल एसोसिएशन और सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि आने वाले 5 सालों में प्राथमिक सेवा को ग्रामीण क्षेत्रों तक मजबूत करना और विशेषज्ञों की संख्या को बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण होगा।

उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 20 वर्षों में लोगों में आंखों के प्रति जागरूकता बढ़ी है, जिससे अंधेपन की दर में कमी आई है। पहले यह आंकड़ा 1.13% था, जो अब घटकर 0.3% हो गया है। अंधेपन के अन्य कारणों में काला मोतियाबिंद, उम्र का प्रभाव, शुगर और कॉर्निया की समस्याएं शामिल हैं।

कार्यक्रम में डॉ. ग्रोवर के अलावा चंडीगढ़ पीजीआई के डॉ. एमआर डोगरा, डॉ. पारुल सिंह, डॉ. शालिनी मोहन, और डॉ. श्वेता श्रीवास्तव सहित कई प्रमुख चिकित्सक उपस्थित रहे।

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