कानपुर में रेलवे लाइन पर बोल्डर, रॉड, सिलिंडर रखकर ट्रेनों को पलटाने की नाकाम साजिशों के बाद अब जीआरपी, आरपीएफ के साथ ही ट्रैकमैन और रेलवे के अन्य स्टाफ को सतर्क कर दिया गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि रेलवे ट्रैक के किनारे किसी भी संदिग्ध या अपरिचित व्यक्ति के टहलते हुए मिलने पर तुरंत सूचना दें।
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक जीआरपी, आरपीएफ और क्षेत्रीय पुलिस के साथ ट्रैक की निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही, फिश प्लेट, चाभी, बोल्ट और ट्रैक की भी जांच की जा रही है। ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में पाथवे इंस्पेक्टर और उनकी टीम, जिसमें ट्रैकमैन (गैंगमैन) शामिल हैं, की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये ट्रैक की निगरानी मौसम के अनुरूप करते हैं और उनकी ड्यूटी में ट्रैक की जांच शामिल होती है।
गर्मी के दौरान दिन में पटरियां गर्म होती हैं और रात के समय ठंडी होने पर चटकने की समस्या होती है। इसी तरह, सर्दियों में ट्रैक के फ्रैक्चर होने की समस्या होती है, जबकि बारिश के मौसम में ब्रिज, नाला, और पुलिया पर बनी लाइनों की प्रमुखता से जांच की जाती है। यह जिम्मेदारी ट्रैकमैन की होती है, जो निर्धारित समय में पुश और मोटर ट्रॉली से पूरे ट्रैक की निगरानी करते हैं।
पिछले दो महीने में कानपुर, नैनी, फर्रुखाबाद, और मध्य प्रदेश समेत अन्य जगहों पर ट्रैक पर साजिशों का पता चला, जिसके बाद रेलवे के अधिकारियों ने ट्रैकमैन, जीआरपी, आरपीएफ, और क्षेत्रीय पुलिस को निगरानी बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। ट्रेनों की सुरक्षा के लिए ट्रैक की निगरानी और उसकी हर दिन जांच करना बेहद जरूरी है, और यह कार्य ट्रैकमैन बखूबी निभा रहे हैं। उन्हें और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं, और उनके साथ आरपीएफ, जीआरपी, और क्षेत्रीय पुलिस रेलवे लाइन की निगरानी कर रही हैं।