कानपुर। “हमने अपनी जन्नत सजानी थी। शौक महंगे थे, महंगी गाड़ियों से घूमना था। इसलिए शॉर्ट-कट अपनाया। गाड़ियां चुराने लगे। इस काम में एक्सपर्ट हो गए थे। लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया।” यह कहना है कानपुर के चकेरी में पकड़े गए चार चोरों का। चकेरी पुलिस ने एक हिस्ट्रीशीटर समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से चोरी की चार बाइक बरामद की गई हैं। पुलिस के मुताबिक, ये सभी प्रोफेशनल चोर हैं। इससे पहले भी चोरी और लूट की घटना में जेल जा चुके हैं।
गिरफ्तारी की घटना
चकेरी इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे ने बताया कि सेन पश्चिम पारा के न्यू आजाद नगर निवासी बीरेंद्र शाहनी शातिर अपराधी है। इसके ऊपर पूर्व में गोविंद नगर, बर्रा, बिधनू, चकेरी व हनुमान विहार थाने में चोरी और लूट के कई मुकदमे दर्ज हैं। बीरेंद्र मंगलवार देर रात अपने साथी चौबेपुर के गोपालपुर निवासी संजय गौतम के साथ चोरी की बाइक बेचने के लिए बजरिया निवासी नजरे आलम उर्फ मानू के यहां जा रहा था कि तभी दोनों को दबोच लिया गया।
पुलिस पूछताछ
थाने में दोनों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि “हम लोग आपस में मिलकर वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं। इसके बाद मानू की कबाड़ की दुकान में लेकर जाकर उसे काटकर बेच देते हैं, जो पैसा मिलता है उसे आपस में बांट लेते हैं।”
जेल में हुई मुलाकात
अशोक दुबे ने बताया कि संजय के ऊपर भी कई थानों में लूट और चोरी का मुकदमा दर्ज है। बीरेंद्र और संजय की मुलाकात कानपुर जेल में हुई थी। वहां पर दोनों अच्छे दोस्त बन गए और वहीं पर रहते हुए इन लोगों ने बाहर निकलते ही चोरी की वारदात को अंजाम देने का प्लान बनाया था। बीरेंद्र और संजय करीब दो माह पूर्व ही जेल से छूटे थे। कबाड़ का काम करने वाला बजरिया निवासी नजरे आलम 5 भाई हैं। सभी के ऊपर बजरिया थाने से गैंगस्टर लगा है। नजरे आलम पर भी गैंगस्टर की कार्रवाई की जा चुकी है।
न्यायालय में पेशी
पुलिस की पूछताछ में नजरे आलम ने बताया कि वह कई सालों से चोरी के वाहनों को काटने का काम कर रहा है। पुलिस ने सभी आरोपियों को बुधवार सुबह न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया।