कानपुर। वर्ष 2024 में सावन महीने में 5 सोमवार पड़ने का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, और रवि योग का भी संयोग बन रहा है। यह संयोग 72 साल बाद आया है। इस वर्ष श्रावण मास सोमवार के साथ शुरू हो रहा है और सोमवार को ही समाप्त हो रहा है।
ज्योतिषाचार्य पंडित गौरव तिवारी के अनुसार, ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण कुबेर योग, मंगल-गुरु युति, शुक्रादित्य योग, बुधादित्य, लक्ष्मी नारायण योग और गजकेसरी योग बन रहे हैं। इन योगों के दौरान की गई पूजा का विशेष फल मिलेगा। पंडित गौरव तिवारी ने बताया कि श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 जुलाई को दोपहर 3:45 बजे से शुरू होगी और 22 जुलाई को दोपहर 1:11 बजे समाप्त होगी। उदिया तिथि को मानते हुए 22 जुलाई 2024 से श्रावण मास शुरू होगा और 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा।
इस पूरे माह के दौरान भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार से पूजा-अर्चना करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को एक लोटा जल चढ़ाने से वे अति प्रसन्न हो जाते हैं और बिना मांगे ही सब कुछ प्रदान कर देते हैं। भगवान शिव को जल अर्पित करते समय “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना चाहिए, जिससे जीवन में आने वाली परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है। इस पूरे माह भगवान शिव की विधिवत पूजा करने का विधान है। सावन माह के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की पूजा और व्रत रखने का विधान है।
साथ ही, श्रावण मास के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है, जिसमें माँ पार्वती की पूजा करने का विधान है। श्रावण माह में भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को हर एक दुख-दर्द से छुटकारा मिलता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।