कानपुर। IIT कानपुर के जंगलों में विचरण कर रहा तेंदुआ वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। उसे पकड़ने के लिए अधिकारियों ने कई प्रयास किए हैं, लेकिन तेंदुआ उनकी हर कोशिश को नाकाम कर आसानी से बच निकल रहा है। पूरी रात टीम ने निशाना साधे रखा, लेकिन तेंदुआ दिखाई नहीं दिया।
सुबह जब टीम जंगल की तरफ गई, तो उन्हें तेंदुए के ताजे पैरों के निशान मिले। तेंदुए को बेहोश कर पकड़ने के लिए रात भर चिड़ियाघर के डॉ. नासिर ट्रेंकुलाइज गन से निशाना साधे बैठे रहे, लेकिन तेंदुआ कहीं भी नहीं दिखा। इस बार तेंदुआ पिंजड़े के पास भी नहीं भटका। उसने अपना रास्ता बदल दिया। जहां पहले उसकी चहलकदमी देखी जा रही थी, अब वहां से करीब 200 मीटर दूर निर्माणाधीन गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के पास उसके नए पैरों के निशान मिले हैं।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह वही तेंदुआ है जो जंगल का रास्ता भटक गया है और अब जंगल की तरफ नहीं जा पा रहा है। वन विभाग की टीम अब तेंदुए को पकड़ने के लिए नए तरीके आजमा रही है। मचान बनाकर उससे तेंदुए पर निशाना साधा जाएगा।
जिला वन अधिकारी दिव्या ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए ट्रेंकुलाइज करने की योजना बनाई गई थी, मगर इससे सफलता नहीं मिली। चिड़ियाघर के डॉक्टर नासिर रात भर IIT परिसर में निशाना लगाए रहे, लेकिन तेंदुए की कोई झलक नहीं मिली। ऐसा माना जा रहा है कि तेंदुआ कहीं छिप गया होगा। हालांकि, सुबह उसके पैरों के नए पदचिह्न मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि तेंदुआ अभी भी इसी परिसर में घूम रहा है। परिसर में रहने वालों को सतर्क कर दिया गया है और रात में बाहर निकलने से मना किया गया है।