कानपुर – मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। बजट को लेकर कानपुर में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और उद्यमियों ने इसे बेहद निराशाजनक बताया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बजट में टैक्स में कोई बड़ी राहत नहीं मिली है। किसानों, युवाओं, और महिलाओं के लिए कई घोषणाएं की गई हैं, लेकिन उनका लाभ सीधे तौर पर लोगों को नहीं मिल पाया है, जिससे कुछ राहत मिल सकती थी।
बजट का निगेटिव प्रभाव
सीए और यूपी मर्चेंट चेंबर के फाइनेंस कमेटी चेयरमैन राजीव मेहरोत्रा ने बताया कि बजट में पांच साल का रोडमैप है, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए उपभोग बढ़ेगा। हालांकि, डायरेक्ट टैक्स में कोई बड़ा फायदा नहीं दिया गया है। 25 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। शेयर बाजार में निवेश करने वालों पर भी टैक्स बढ़ा दिया गया है, जिससे इसका रुझान बेहद नकारात्मक रहेगा। मिडिल इनकम सैलरी वालों की बहुत अपेक्षाएं थीं, लेकिन उन्हें भी कुछ खास फायदा नहीं मिला। मैं इस बजट को 10 में से 6 अंक दूंगा। शेयर बाजार तेजी से गिरा, जिससे तेजी से नुकसान बढ़ेगा। एनर्जी सेक्टर को बहुत कुछ दिया गया है, जिससे यह मार्केट को बूस्ट कर सकता है। गोल्ड और सिल्वर पर कस्टम ड्यूटी कम करने से उन्हें नुकसान होगा, जिन्होंने निवेश कर रखा है।
निराशाजनक बजट
इनकम जीएसटी अधिकवक्ता और जीएसटी कमेटी चेयरमैन संतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि यह बेहद निराशाजनक बजट है। सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे उद्योग और जीएसटी में कुछ राहत मिली हो। इनकम टैक्स में भी कोई राहत नहीं दी गई है। नए टैक्स रिजिम में वेतनभोगी कर्मचारी को 17500 रुपए की राहत मिलेगी। इसके अलावा कोई राहत नहीं मिली है। लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में भी टैक्स बढ़ा है। 3 से 7 लाख रुपए की इनकम में आयकर मुक्त हो रही थी, जो इस बार समझ नहीं आई। इससे टैक्स का बोझ बढ़ेगा। लेदर और फुटवियर में कस्टम ड्यूटी कम करने से उन्हें राहत जरूर मिलेगी।
आम आदमी को राहत नहीं
सीए मुकुल टंडन ने बताया कि मुद्रा लोन की लिमिट 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की गई है, जिससे उत्साह बढ़ेगा। करों में राहत को लेकर मध्यम वर्गीय उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उन्हें कोई बड़ी राहत नहीं मिली। शेयर बाजार में भी कैपिटल गेन टैक्स बढ़ा दिया गया है। बायबैक टैक्स पर भी टैक्स बढ़ा दिया गया है। उद्योगों में फोकस सिर्फ डेडम् पर ही रखा गया है। नए टैक्स रिजिम में टैक्सपेयर्स को कुछ राहत मिली है, लेकिन इसे बड़ी राहत नहीं कहा जा सकता। युवाओं और महिलाओं के लिए भी कुछ खास नहीं मिला।
निवेश पर टैक्स
सीए स्वर्ण सिंह ने बताया कि कुछ अच्छी और कुछ निराशाजनक बातें हैं। युवाओं को स्किल्ड करने में यह बजट अच्छा है। शेयर खरीदने और बेचने में भी टैक्स लगाया गया है। शॉर्ट टर्म में 20% और लॉन्ग टर्म में 10 से 12% टैक्स बढ़ा दिया गया है।
इस प्रकार, कानपुर के एक्सपर्ट्स ने बजट को निराशाजनक बताते हुए सरकार से अपेक्षाएं पूरी न होने की बात कही है। बजट में कुछ सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं, लेकिन ये आम जनता और निवेशकों के लिए पर्याप्त नहीं माने जा रहे हैं।