उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा डिजिटल अटेंडेंस पर दो महीने की रोक लगाए जाने के बाद कानपुर के शिक्षकों में खुशी का माहौल है। यह निर्णय शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने पहले इस प्रणाली के खिलाफ अपनी समस्याओं और कठिनाइयों को उठाया था।
प्रमुख बिंदु:
- मुख्यमंत्री का निर्णय:
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डिजिटल अटेंडेंस पर दो महीने की रोक लगाई।
- मुख्य सचिव मनोज सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है जो इस प्रणाली में आ रही दिक्कतों का अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपेगी।
- शिक्षकों का प्रदर्शन:
- सोमवार को कानपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का शिक्षकों ने घेराव किया और जमकर हंगामा किया।
- सैकड़ों की संख्या में शिक्षक पैदल मार्च करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा।
- शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया:
- जूनियर हाई शिक्षक संघ के महामंत्री विकास तिवारी: उन्होंने कहा कि योगी सरकार के इस फैसले का हम सभी शिक्षकगण सम्मान करते हैं और सरकार से अपेक्षा करते हैं कि कमेटी शिक्षकों की समस्याओं का समाधान निकाले।
- जूनियर हाईस्कूल शिक्षक महासभा, उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय संयोजक अनुग्रह त्रिपाठी: उन्होंने कहा कि हमारी सात सूत्री मांगें जायज हैं और डिजिटल अटेंडेंस व्यावहारिक नहीं है।
- उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष रुचि त्रिवेदी: उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया और बताया कि शिक्षकों को सुबह स्कूल पहुंचने में कई तरह की दिक्कतें होती हैं, जिन्हें हल करने की जरूरत है।
शिक्षकों की प्रमुख समस्याएं:
- डिजिटल अटेंडेंस प्रणाली व्यावहारिक नहीं है और इससे शिक्षकों को काफी दिक्कतें होंगी।
- अधिक छुट्टियों के विकल्प नहीं होने के कारण डिजिटल अटेंडेंस के पालन में कठिनाई होती है।
- सुबह स्कूल पहुंचने में ट्रांसपोर्ट और मौसम जैसी समस्याएं आती हैं, जिससे देरी होती है।
उम्मीदें:
- शिक्षकों को उम्मीद है कि सरकार द्वारा गठित कमेटी उनकी समस्याओं को सुनेगी और उनका समाधान निकालेगी।
- सरकार से अपील की गई है कि शिक्षकों की समस्याओं को समझते हुए उनके लिए उपयुक्त समाधान निकाला जाए।
इस निर्णय ने शिक्षकों के बीच आशा की किरण जगाई है कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द ही निकाला जाएगा और वे अपने काम को बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से कर सकेंगे।