केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बढ़ते बोझ को दूर करने के लिए अंतर-क्षेत्रीय सहयोग, उन्नत शोध और नवीन उपायों की आवश्यकता पर बल दिया है।
श्रीमती श्रीवास्तव ने तेलंगाना के हैदराबाद में गैर-संचारी रोगों पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि गैर-संचारी रोग मौजूदा समय में व्यापक स्वास्थ्य समस्या हैं। इनसे निपटने के लिए अंतर-क्षेत्रीय प्रयासों और जागरूकता की आवश्यकता है।
उन्होंने उन्नत शोध और नवाचार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार के “स्वस्थ भारत” लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना और गैर-संचारी रोगों से होने वाली असामयिक मृत्यु दर को कम करना आवश्यक है।
यह कार्यशाला केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने तेलंगाना सरकार के सहयोग से 8-9 जनवरी को हैदराबाद में आयोजित की। इसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य), राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक, वरिष्ठ अधिकारी, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, और नीति निर्माता शामिल हुए।
चर्चा का केंद्र बिंदु गैर-संचारी रोगों की रोकथाम, जांच, प्रबंधन और उपचार के लिए रणनीतियों को मजबूत करना था। कार्यशाला में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी), क्रोनिक श्वसन रोग (सीआरडी), नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी), स्ट्रोक और कैंसर जैसे रोगों के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक चर्चा और अनुभव सत्र आयोजित किए गए।
इसके साथ ही ‘फिट इंडिया’ और ‘ईट राइट इंडिया’ जैसे अभियानों की भूमिका पर भी जोर दिया गया। नागालैंड में तंबाकू उन्मूलन और नशा मुक्ति पहल तथा तेलंगाना के योग और स्वास्थ्य प्रणालियों के एकीकरण को अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय व्यवस्था के रूप में प्रस्तुत किया गया।