सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है, और इस समय शिवजी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न उपायों का पालन किया जाता है। सावन के चौथे सोमवार को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष विधियों का अनुसरण करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

भगवान शिव को मदार का पुष्प विशेष रूप से प्रिय होता है। पंडित पीएन द्विवेदी के अनुसार, मदार के पेड़ के पुराने होने पर उसमें गणेश जी की आकृति प्रकट होती है, जिससे यह पुष्प भगवान शिव के लिए और भी प्रिय हो जाता है। मदार का पुष्प अर्पित करने से घर में आर्थिक तंगी और बीमारियों का नाश होता है।

भगवान शिव के सिर पर चंद्रमा का वास होता है, इसलिए सफेद फूल उन्हें अत्यंत प्रिय हैं। पूजा के दौरान सफेद फूल चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

भगवान शिव को चंदन का अभिषेक करना चाहिए, विशेष रूप से लाल और पीले चंदन का। शिवजी को सिंदूर लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि उन्हें केवल चंदन पसंद है।

भगवान शिव को बेल पत्र और बेल फल भी अत्यंत प्रिय होते हैं। पूजा के दौरान इन्हें अर्पित करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

भगवान शिव को धतूरा चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। इसके साथ ही, शमी पत्र का भी विशेष महत्व है। शमी पत्र अर्पित करने से शनि देव भी प्रसन्न होते हैं। यह मान्यता है कि 100 बेल पत्र के बराबर एक शमी का पत्र होता है।

इन उपायों का पालन करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।