कानपुर। गंगा के जलस्तर में चार दिन बाद मामूली कमी आई है, लेकिन कटरी के आधा दर्जन से ज्यादा गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। खेतों में पानी भरने से किसानों की फसलें खराब हो गई हैं और ग्रामीणों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। गंगा बैराज के आसपास स्थित भगवानदीन पुरवा, लक्ष्मणपुरवा, दिबनीपुरवा, मंगलपुर, ढारनपुरवा, रामपुर आदि क्षेत्रों में पांच दिन से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। गांव में पांच से सात फीट तक पानी भर गया था।
रविवार सुबह गंगा के जलस्तर में कुछ कमी आई, जिससे गांव में भरा पानी कुछ घटा, लेकिन कई क्षेत्रों में अब भी तीन से चार फीट पानी भरा हुआ है। रामपुर का प्राइमरी स्कूल भी बाढ़ की चपेट में है। प्रशासन ने ग्रामीणों की सुविधा के लिए तीन ट्रैक्टर लगाए हैं। गांव से निकलकर ग्रामीण शहर आकर मजदूरी करने को मजबूर हैं।
जिला प्रशासन की ओर से अब तक गांवों में न तो राहत सामग्री भेजी गई है और न ही मदद का ऐलान किया गया है। ग्रामीणों ने सरकारी मदद की गुहार लगाई है। दक्षिण के वरुण विहार, गुजैनी, बर्रा आठ और पांडू नदी के अन्य डूब क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी कम हुआ है। पांच दिन पहले यहां अचानक बाढ़ का पानी आ पहुंचा था। हालांकि, अस्थाई रूप से टेंट लगाकर रहने वाले लोग अब भी बस्ती में नहीं लौटे हैं।
लोगों को अभी और बारिश की उम्मीद है, जिससे दोबारा जलभराव हो सकता है। बर्रा विश्व बैंक के कंपोजिट स्कूल में जिला प्रशासन द्वारा राहत शिविर लगाया गया।