गोण्डा, उत्तर प्रदेश — गुरुवार को पसका घाट, सरयू नदी के किनारे, बाढ़ से बचाव और राहत कार्यों का मॉकड्रिल आयोजित किया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य बाढ़ से निपटने के लिए विभिन्न विभागों की तैयारियों को परखना और लोगों को जागरूक करना था। मॉकड्रिल के दौरान पीएसी के जवानों ने नदी में डूब रहे लोगों और उनके मवेशियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
मॉकड्रिल का निरीक्षण
जिलाधिकारी नेहा शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० रश्मि वर्मा, अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मॉकड्रिल का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने बाढ़ राहत कैंप, पशु बाढ़ राहत केंद्र, प्लानिंग सेक्शन, रिस्पांसिबल ऑफिसर कैंप, सुरक्षा ऑफिसर कैंप, लॉजिस्टिक सेक्शन कैंप, ऑपरेशन सेक्शन कैंप, बाढ़ चौकी आदि का भी निरीक्षण किया और तैयारियों की जानकारी ली।
विभागों को निर्देश
जिलाधिकारी ने बताया कि संभावित बाढ़ को देखते हुए यह मॉकड्रिल आयोजित की गई है, ताकि सभी संबंधित विभाग पहले से तैयार रहें और बाढ़ के दौरान लोगों को समय पर राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, सिंचाई विभाग, पंचायती राज विभाग आदि महत्वपूर्ण विभागों को विशेष तौर पर तैयार रहने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने विभागों से संबंधित तैयारियों को पूर्ण रखें और बाढ़ के दौरान पूरी निष्पक्षता से कार्य करें।
बाढ़ राहत किट का वितरण
कार्यक्रम के दौरान, जिलाधिकारी ने सांकेतिक रूप से कुछ ग्रामीणों को बाढ़ राहत किट और पशुपालकों को दवाइयां वितरित कीं। उन्होंने सभी पशुपालकों और उपस्थित लोगों को विस्तृत जानकारी दी।
उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें नगर मजिस्ट्रेट विजय शर्मा, उपजिलाधिकारी करनैलगंज भारत भार्गव, उपजिलाधिकारी तरबगंज विशाल कुमार, परियोजना निदेशक डीआरडीए चंद्र शेखर, तहसीलदार मनीष कुमार करनैलगंज, जिला पंचायत राज अधिकारी लालजी दूबे, जिला पूर्ति अधिकारी कृष्ण गोपाल पाण्डेय, एआरटीओ प्रवर्तन शैलेंद्र त्रिपाठी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी टीजे पाण्डेय, खण्ड विकास अधिकारी परसपुर जेएन राव, बीएसए, जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव, सीएचसी अधीक्षक परसपुर, एसओ परसपुर, ग्राम पंचायत सचिव, लेखपाल, तथा ग्राम प्रधान शामिल थे।
निष्कर्ष
इस मॉकड्रिल का आयोजन बाढ़ आपदा से निपटने की तैयारियों को परखने और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से किया गया था। इस प्रकार के अभ्यास से विभिन्न विभागों की समन्वय और तैयारियों को बेहतर बनाने में मदद मिलती है, जिससे आपदा के समय त्वरित और प्रभावी राहत कार्य संभव हो पाते हैं।