नोएडा – नोएडा में पुलिस ने एक बड़े वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह ने अब तक 200 से ज्यादा लग्जरी कारों की चोरी की है। डीसीपी राम बदन सिंह ने जानकारी दी कि यह गिरोह नार्थ ईस्ट, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में कारें बेचता था।

गिरोह का तरीका

गिरोह के सदस्य तकनीकी रूप से सक्षम थे, और यही वजह थी कि वे कार की ईसीएम मशीन को रीप्रोग्राम कर डुप्लीकेट चाबी बनाकर चोरी करते थे। इस प्रक्रिया में उन्हें केवल 5-10 मिनट का समय लगता था। गिरोह के बदमाशों पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली के विभिन्न थानों में 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

गिरोह का खुलासा

डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि बीते दिनों सोरखा गांव से एक व्यक्ति की फॉर्च्यूनर चोरी हुई थी। चोरी की वारदात को अंजाम देते हुए बदमाश सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए। वीडियो के आधार पर पुलिस ने बदमाशों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की योजना बनाई। एसीपी थर्ड शैव्या गोयल की अगुआई में 15 पुलिसकर्मियों की एक टीम गठित की गई। सोमवार को गिरोह के बदमाश जब दोबारा चोरी करने के लिए नोएडा की सीमा में दाखिल हुए तो उन्हें गिरफ्तार किया गया।

मुख्य आरोपी

गिरोह में शामिल मुख्य आरोपी राजेश कक्कड़ चोरी के वाहनों को खरीदकर पंजाब ले जाता था। वह लग्जरी कारों को 15 से 20 लाख और सामान्य कारों को तीन से सात लाख रुपए में बेचता था। ज्यादातर गाड़ियां नार्थ ईस्ट में सप्लाई की जाती थीं। राजेश पिछले दस साल से इस काम में संलग्न था और उसका नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ था।

गिरफ्तारी और कार्रवाई

एसीपी शैव्या गोयल ने बताया कि पकड़ा गया खलील पांचवी, मोनू दसवीं, सोनू और राजेश आठवीं, प्रमोद 12वीं पास हैं। अली शेर उर्फ इमरान अनपढ़ है। गिरोह के सरगना सोनू को वाहनों के पुर्जों की अच्छी समझ है और वह किसी भी वाहन का लॉक चंद सेकेंड में तोड़ देता है। डीसीपी ने बताया कि बदमाशों के खिलाफ धारा 111 के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। यह धारा पूर्व की गैंगस्टर की धारा के समकक्ष है और संगठित अपराध करने और उसे बढ़ावा देने वाले आरोपियों पर लगाई जाती है।

पुलिस टीम को इनाम

गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम को डीसीपी नोएडा ने 25 हजार रुपए का इनाम दिया है। इस घटना ने नोएडा में वाहन चोरी के मामलों में वृद्धि की ओर ध्यान आकर्षित किया है और पुलिस की तत्परता की सराहना की गई है।