कानपुर, जुलाई 2024 – कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को पुलिस ने रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद भारी संख्या में समर्थक कानपुर कोतवाली पहुँच गए, जिससे वहाँ रातभर हंगामा चलता रहा। हालात इतने खराब हो गए कि 12 थानों की पुलिस और पीएसी को बुलाना पड़ा। मेयर प्रमिला पांडेय भी कोतवाली पहुँचीं, जहां उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई।

पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए रात के 2:30 बजे अवनीश का मेडिकल कराया और सोमवार सुबह 5 बजे उन्हें जेल भेज दिया। यह कार्रवाई एक हजार करोड़ रुपये की जमीन कब्जा करने के केस में की गई है। पुलिस ने अवनीश दीक्षित समेत 12 नामजद और 25 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ डकैती समेत 10 गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।

मामले की पृष्ठभूमि

कानपुर के सिविल लाइंस में केस्को एमडी ऑफिस के सामने मिशनरी की 1000 करोड़ से ज्यादा कीमत की खाली जमीन है। यह जमीन ईसाई संस्था को लीज पर दी गई थी, जिसकी लीज खत्म हो चुकी है और अब यह नजूल की जमीन है। पुलिस को दी तहरीर के अनुसार, शनिवार सुबह अवनीश दीक्षित के साथ 33 लोग इस जमीन पर कब्जा करने पहुंचे। उन्होंने केयर टेकर के साथ मारपीट की और उसे खींचकर बाहर निकाल दिया। इसके बाद अपना ताला डालकर जमीन पर कब्जा कर लिया।

जांच और एफआईआर

मामला जिलाधिकारी तक पहुंचने के बाद एसडीएम को कार्रवाई का निर्देश दिया गया। अंत में लेखपाल ने मामले में जांच-पड़ताल करके कोतवाली थाने में अवनीश दीक्षित समेत 12 के खिलाफ नामजद और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद जमीन के केयर टेकर सैमुएल गुरुदेव सिंह ने भी अवनीश दीक्षित समेत अन्य आरोपियों पर दूसरी एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें डकैती समेत 10 गंभीर धाराएं शामिल की गईं।

गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने अवनीश दीक्षित को रात 9:30 बजे परेड चौराहा स्थित क्रिस्टल पार्किंग से गिरफ्तार किया। एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि जमीन कब्जा मामले में दो एफआईआर दर्ज होने के बाद मुख्य आरोपी अवनीश दीक्षित को गिरफ्तार किया गया। मामले की जानकारी शासन को भेज दी गई है।

समर्थकों का हंगामा और महापौर की प्रतिक्रिया

गिरफ्तारी के बाद सैकड़ों की संख्या में लोग कोतवाली पहुँच गए, जिससे हंगामा और बवाल की आशंका पर 12 थानों की फोर्स और पीएसी तैनात कर दी गई। महापौर प्रमिला पांडेय ने हिरासत में लिए गए लोगों के बारे में जानकारी ली और कोतवाली के अंदर पुलिस से बहस भी की। समर्थकों का कहना है कि पुलिस फर्जी केस में अवनीश दीक्षित को फंसा रही है और जो एविडेंस पुलिस दिखा रही है, वह गलत है।

दूतावास से यूपी सरकार को सूचना

विवादित जमीन पर कब्जे को लेकर रविवार सुबह से ही विवाद शुरू हो गया था। पुलिस कमिश्नर ने पूरे मामले की जानकारी और रिपोर्ट शासन को भेज दी। मामला ईसाई मिशनरी संगठन का होने से सूचना पहले दूतावास स्तर पर पहुँची और फिर यूपी सरकार को भेजी गई। पुलिस के फीडबैक के आधार पर तत्काल सख्त कार्रवाई का आदेश दिया गया।

लेखपाल के आरोप और डीसीपी की जानकारी

लेखपाल विपिन कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, अवनीश दीक्षित और उनके साथियों ने बलपूर्वक कब्जा करने का प्रयास किया। डीसीपी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि अवनीश दीक्षित और उनके साथियों ने गेटमैन को बंधक बनाया, कैमरों के डीवीआर निकाल ले गए और विरोध करने पर धमकी दी। अवनीश दीक्षित ने जीतेश झा को केयर टेकर बना दिया, जिसके आड़ में उन्होंने जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया।

यह घटना कानपुर में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक कार्रवाई के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गई है, जिसके परिणामस्वरूप कानूनी और सामाजिक स्तर पर कई विवाद उभर सकते हैं।