यूपी के 17 जिलों के 776 गांवों में बाढ़, एक्शन में सीएम योगी
लखनऊ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश में बीते कई दिनों से हो रही बारिश और नेपाल, उत्तराखंड से छोड़े गए पानी की वजह से नदियों में उफान आ गया है। इस कारण 750 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और शनिवार शाम तक 24 घंटे में वर्षा से जुड़ी घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गई। राज्य के राहत विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस अवधि में उत्तर प्रदेश में औसतन 7.4 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा दर्ज की गई। उनके अनुसार सात लोगों की डूबने से और एक व्यक्ति की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से जान चली गई।
हालांकि, सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा पहले से की गई तैयारियों ने जनता को बड़े नुकसान से बचा लिया है। बाढ़ को लेकर सीएम योगी एक्शन मोड पर हैं। जानकारी के मुताबिक, बारिश से कई नदियों में जलस्तर बढ़ा है जिससे 17 जिलों के 776 गांवों में बाढ़ आ गई। बाढ़ की वजह से 3,90,455 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 996 राहत शिविर बनाए हैं। जलस्तर बढ़ने से 11,509 पालतू जानवर भी प्रभावित हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त नवीन कुमार ने कहा, “एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बाढ़ प्रभावित इलाकों में इससे जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर काम कर रही हैं। हमने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए हैं। प्रदेश में मानसून से पहले अतिसंवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में की गई तैयारियों का नतीजा है कि हजारों लोगों की जान बचाने में सरकार को सफलता मिली है। पिछले दस दिनों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में करीब 12 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है।”
मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का ही असर रहा कि अफसर भी ग्राउंड जीरो पर दिखाई दिए। वहीं, मुख्यमंत्री खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर वस्तुस्थिति से अवगत होते रहे। एक तरफ जहां उन्होंने हवाई सर्वे के माध्यम से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का मुआयना किया, वहीं नाव से भी प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। सीएम ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री किट वितरित की और आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना भी दी।
सीएम योगी के निर्देश के मुताबिक, यूपी के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों के लिए 12 एनडीआरएफ, 9 एसडीआरएफ, 23 पीएसी और 1 एसएसबी को तैनात किया गया है। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आर्मी, एयर फोर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी से निरंतर समन्वय बना हुआ है। पीलीभीत में 7,433 व्यक्तियों को नाव द्वारा तथा 170 मवेशियों को रेस्क्यू किया गया। वहीं, श्रावस्ती में 213 मवेशियों और 2280 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया। बाढ़ शरणालयों में रहने वाले प्रत्येक शरणार्थी के लिए पके हुए स्वच्छ और पौष्टिक भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। यहां स्वास्थ्य परीक्षण के लिए मेडिकल टीम गठित की गई है। साथ ही पेयजल, औषधियों और ओआरएस की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।