कानपुर। कानपुर के नानामऊ घाट पर गंगा में डूबने वाले जज के पति आदित्यवर्धन सिंह का चौथे दिन मंगलवार को भी कोई सुराग नहीं मिला। पिता, मां, और बहन पूरे दिन घाट पर गुमसुम बैठे रहे। वहीं, आदित्यवर्धन की डूबने से ठीक पहले की तस्वीर भी सामने आई है। इस तस्वीर में वह अपने दोस्त के साथ सीने तक पानी में दिखाई दे रहे हैं।
इस बीच कॉम्बिंग कर रही टीमों ने आदित्यवर्धन की ड्रोन से भी तलाश की। NDRF, SDRF और PAC के जवान पूरे दिन उनकी तलाश करते रहे, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। अंधेरा होने पर सर्च अभियान बंद कर दिया गया, और अब कल (4 अगस्त) फिर से सर्च किया जाएगा।
पुलिस ने आदित्यवर्धन के साथ गंगा स्नान के लिए आए दोनों दोस्तों, प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा को भी बुलाया और उनसे घटना के बारे में बारीकी से पूछताछ की। 31 अगस्त को बिल्हौर के नानामऊ घाट पर वाराणसी में तैनात स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह गंगा में डूब गए थे।
उनकी पत्नी शैलजा ओम प्रकाश महाराष्ट्र के अकोला में जज हैं। घटना के चार दिन बाद भी उनकी पत्नी शैलजा यहां नहीं पहुंचीं। वहीं, बहन प्रज्ञा, बहनोई, मां शशि प्रभा, और पिता रमेश चंद्र 2 अगस्त को ही ऑस्ट्रेलिया से कानपुर पहुंच गए। परिवार के सभी सदस्य नानामऊ घाट पर सुबह से शाम तक डेरा जमाए हुए हैं और पल-पल का अपडेट लेते रहते हैं।
इसके साथ ही बिहार विधान परिषद के निजी सचिव और आदित्यवर्धन के चचेरे भाई अनुपम कुमार भी कानपुर में हैं। उन्होंने अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए रखा और NDRF, SDRF के साथ ही PAC के गोताखोरों को बुलवाकर कॉम्बिंग कराई। नेवी के अफसरों से भी तालमेल कर लापता डिप्टी डायरेक्टर की तलाश की कोशिश की गई।
ACP वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चौथे दिन भी लापता डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह की तलाश जारी है। अब ड्रोन की मदद से उनकी तलाश की जा रही है। गंगा किनारे झाड़ियों में या कहीं शव फंसा तो नहीं, इस उम्मीद से नानामऊ घाट से लेकर शिवराजपुर और कानपुर तक ड्रोन से सर्च अभियान चलाया गया।