चौपाल संवाद, फतेहपुर: सदर नगर पालिका के सभी 34 वार्डों में जगह-जगह अवैध डंपिंग ग्राउंड नजर आ रहे हैं। यहाँ कूड़े को डंप करने की वजह से आसपास के लोगों का दुर्गंध के कारण जीना मुहाल हो रहा है। पहले घर-घर कूड़ा उठान व्यवस्था लागू की गई थी, लेकिन यह व्यवस्था परवान नहीं चढ़ सकी।

लापरवाही का आलम यह है कि घर-घर कूड़ा कलेक्शन के लिए लाखों रुपये खर्च कर लाए गए दर्जनों ई-रिक्शा अब कबाड़ हो रहे हैं। इसके लिए न तो कोई योजना बनाई गई, न ही कार्यदाई संस्था के चयन में दिलचस्पी दिखाई जा रही है। जिसके कारण शहर के हर चौराहों के आसपास और गलियों में कूड़ा फैला हुआ है।

शहरी लोग कहते हैं कि घर-घर कूड़ा उठान की व्यवस्था नगर पालिका की लापरवाही को बयां करती है। नई सरकार के एक साल बाद भी इस महत्वपूर्ण व्यवस्था पर कोई काम नहीं किया गया है। असल में 34 वार्ड वाले सदर पालिका में घर-घर कूड़ा उठाने की कोई व्यवस्था नहीं है।

2019 में तत्कालीन अधिशासी अधिकारी ने एक कार्यदाई संस्था को जिम्मा दिया था। छह माह तक कुछ घरों से कूड़ा उठान की व्यवस्था पटरी पर दिखी, फिर यह व्यवस्था ध्वस्त होती चली गई। नगर पालिका चुनाव के बाद नई सरकार बनने पर उम्मीद जगी थी, लेकिन व्यवस्था नहीं बदल सकी।

शुरुआत में एक संस्था को घर-घर कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके लिए सर्वे कर कुछ वार्ड भी चयनित हुए, लेकिन चार-छह माह बीतते ही यह व्यवस्था भी बेपटरी हो गई। लाखों रुपये खर्च कर ई-रिक्शे खरीद लिए गए, लेकिन धरातल पर कूड़ा उठान की योजना नहीं चल सकी।

जिस वजह से गली-मोहल्लों में कूड़ा बिखरा पड़ा रहता है। शहरियों ने बताया कि सफाई कर्मी खाली पड़े स्थानों पर कूड़ा भर देते हैं, जिससे संक्रामक रोग का खतरा रहता है। शादीपुर चौराहा, कलक्टरगंज समेत अन्य कई मार्गों में कूड़ा डंप होता है। इससे दुर्गंध फैलती है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

समस्या के निवारण हेतु सुझाव:

  1. सख्त निगरानी और योजना: नगर पालिका को कूड़ा प्रबंधन के लिए सख्त निगरानी और एक ठोस योजना बनानी चाहिए।
  2. स्थानीय संगठन: स्थानीय संगठनों और निवासियों की भागीदारी से सफाई अभियानों को बढ़ावा देना।
  3. संवेदनशीलता अभियान: नागरिकों को कूड़े के सही निपटान के लिए जागरूक करने के लिए संवेदनशीलता अभियान चलाना।
  4. आधुनिक तकनीक का उपयोग: कूड़ा प्रबंधन में आधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग बढ़ाना।
  5. नियमित निरीक्षण: नगर पालिका द्वारा नियमित निरीक्षण और मॉनिटरिंग सुनिश्चित करना।