फतेहपुर, उत्तर प्रदेश — उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने पुरानी पेंशन बहाली, वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन, और अन्य मांगों को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद, संघ ने डीआईओएस के माध्यम से मुख्यमंत्री को 23 सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर अपनी मांगों को पूरा करने की आवाज उठाई।
धरना-प्रदर्शन का विवरण
गुरुवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष आलोक शुक्ला की अगुवाई में डीआईओएस कार्यालय में शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया। धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कमल सिंह चौहान और अतुल सिंह यादव ने कहा कि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे प्रदेश का शिक्षक समुदाय अत्यंत क्षुब्ध और आहत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।
23 सूत्रीय मांग पत्र
डीआईओएस के जरिए मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें शामिल थीं:
- पुरानी पेंशन बहाली: शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए।
- समान वेतन: वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतनमान दिया जाए।
- निःशुल्क चिकित्सा सुविधा: शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।
- 8वां वेतन आयोग: 8वां वेतन आयोग का गठन किया जाए।
- राज्यांश का अंशदान: राज्यांश का अंशदान प्रतिमाह समय से उपलब्ध कराया जाए।
- बोर्ड परीक्षाओं की पारिश्रमिक दरें: बोर्ड परीक्षाओं की पारिश्रमिक दरें सीबीएससी के समान की जाएं।
- परीक्षाओं एवं मूल्यांकन का भुगतान: परीक्षाओं एवं मूल्यांकन आदि से संबंधित अवशेषों का भुगतान तत्काल किया जाए।
- अवशेष वेतन और भत्ता: अवशेष वेतन, महंगाई भत्ता, चयन, प्रोन्नत, पदोन्नति आदि का अवशेष भुगतान किया जाए।
- कम्प्यूटर शिक्षक की नियुक्ति: विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षक का पद सृजित करके तत्काल नियुक्ति की जाए।
उपस्थित शिक्षक
इस मौके पर जिला मंत्री अमित कुमार सिंह, देवी प्रसाद समेत तमाम शिक्षक उपस्थित रहे। सभी ने अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिखाई और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
निष्कर्ष
यह धरना-प्रदर्शन शिक्षकों की मांगों और उनके संघर्ष को उजागर करता है। शिक्षकों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वे अपनी मांगों के पूरा होने तक संघर्ष जारी रखेंगे। यह समय है कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले और शीघ्र समाधान करे।