नई दिल्ली, एजेंसी। राज्यपाल सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यपालों से आग्रह किया कि वे केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक असरदार पुल की भूमिका निभाएं। पीएम ने राज्यपालों से कहा कि वे लोगों और सामाजिक संगठनों के साथ इस तरह से बातचीत करें, जिससे वंचित लोगों को शामिल किया जा सके।

सम्मेलन में इन मुद्दों पर की जाएगी चर्चा

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, इस सम्मेलन में ऐसे कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जो न केवल केंद्र-राज्य संबंधों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि आम लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने उद्घाटन के दौरान दी सलाह

अपने उद्घाटन भाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि लोकतंत्र के सुचारू संचालन के लिए यह महत्वपूर्ण है कि कई केंद्रीय एजेंसियां सभी राज्यों में बेहतर समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने राज्यपालों को सलाह दी कि वे अपने-अपने राज्यों के संवैधानिक प्रमुख के रूप में इस समन्वय को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इस सम्मेलन के एजेंडे में सावधानीपूर्वक चुने गए मुद्दे शामिल हैं, जो राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण हैं।

राज्यपालों ने जो शपथ ली है, उसका पालन करेंगे

राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी राज्यपाल लोगों की सेवा और कल्याण में योगदान देना जारी रखेंगे और उन्होंने जो शपथ ली है, उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं और राज्यपाल ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को बड़े पैमाने पर जन आंदोलन बनाकर इसमें योगदान दे सकते हैं।

उपराष्ट्रपति और गृह मंत्री ने भी सत्र को किया संबोधित

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यपालों की शपथ का जिक्र किया और उनसे सामाजिक कल्याण योजनाओं और पिछले दशक के दौरान हुए अविश्वसनीय विकास के बारे में लोगों को जागरूक करने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने का आग्रह किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिवसीय सम्मेलन में होने वाली चर्चाओं की रूपरेखा बताई और राज्यपालों से लोगों में विश्वास पैदा करने और विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए जीवंत गांवों और आकांक्षी जिलों का दौरा करने का आग्रह किया।