कानपुर के बिल्हौर में तीन छात्राओं द्वारा हिजाब पहनकर कॉलेज में आने और शिक्षकों के मना करने पर हिजाब में ही आने पर अड़ने का मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया है। इस विवाद पर डीएम राकेश कुमार सिंह ने एसडीएम रश्मि लांबा को जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला तब और अधिक गंभीर हो गया जब कानपुर भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी ने इस घटना में साजिश की आशंका जताई और डीएम से इसकी जांच की मांग की।

3 अगस्त को बिल्हौर इंटर कॉलेज की तीन छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज आईं, जिसे लेकर विद्यालय प्रशासन ने उन्हें निर्धारित ड्रेस में आने के लिए कहा। परंतु, छात्राओं ने इस निर्देश को मानने से इनकार कर दिया और हिजाब पहनकर ही कॉलेज आने पर अड़ी रहीं। उन्होंने प्रधानाचार्य सुजीत सिंह यादव के समक्ष भी इस बात पर अड़ जाने की बात कही, जिससे विवाद बढ़ बाद में, छात्राओं के अभिभावकों ने विद्यालय प्रशासन के सामने अपनी गलती मानी और आश्वासन दिया कि वे अपनी बच्चियों को निर्धारित ड्रेस में ही कॉलेज भेजेंगे,मीडिया में इस मामले की खबरें आने के बाद विधायक सुरेंद्र मैथानी ने इस घटना को लेकर साजिश की आशंका जताई और डीएम से जांच की मांग की। इसके बाद डीएम ने इस मामले की जांच के लिए एसडीएम को निर्देश दिए।

एसडीएम रश्मि लांबा ने बताया कि जांच तीन बिंदुओं पर केंद्रित होगी:क्या छात्राओं को विद्यालय की ड्रेस के बारे में जानकारी थी?क्या छात्राएं पहले से कॉलेज में पढ़ रही थीं और ड्रेस की जानकारी होने के बावजूद उन्होंने हिजाब पहनकर आने का निर्णय लिया?क्या उन्हें इस तरह की कार्रवाई के लिए किसी ने उकसाया था? कॉलेज प्रबंधक प्रभाकर श्रीवास्तव ने इसे साजिश की आशंका बताई है और कहा कि इससे पहले छात्राएं ड्रेस में ही आती थीं, और इस प्रकार का विवाद नहीं था। उन्होंने आशंका जताई कि प्रधानाचार्य की नियुक्ति को लेकर कुछ नाराजगी हो सकती है, और शायद किसी ने माहौल बिगाड़ने के लिए छात्रों को उकसाया हो। एसीपी अजय त्रिवेदी के अनुसार, पूरे मामले पर पुलिस नजर रख रही है, और माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।