कानपुर। सेन पश्चिम पारा के न्यू आजादनगर में सकरापुर मोड़ के पास नाले में पलटी वैन में सवार 12 में से छह घायल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गल्ला मंडी के पास स्थित निजी अस्पताल में भर्ती तीन बच्चों की हालत ज्यादा गंभीर है। दरअसल, वैन पलटने के बाद बच्चे एक के नीचे एक दब गए। डॉक्टर के मुताबिक, जो तीन बच्चे (देवा, साहिल और गुनगुन राजपूत) सबसे नीचे रहे, उनके फेफड़ों में गंदा पानी ज्यादा भर गया, जिसके कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इन्हें आईसीयू में भर्ती कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।

दलनपुर निवासी राम प्रसाद और मंजू देवी का सात साल का बेटा देवा पीजी का छात्र है। उसकी बहन सुमिता का भी इलाज चल रहा है। दलनपुर के दिनेश और शशि का 11 साल का बेटा साहिल गुप्ता कक्षा एक का छात्र है। मजदूरी करने वाले सुनील कुमार और माया राजपूत की बेटी खुशी इसी स्कूल में एलकेजी और गुनगुन पीजी में पढ़ती है। आवास विकास की रहने वाली आकांक्षा गौतम का भी जनरल वार्ड में इलाज चल रहा है।

बच्चों का इलाज कर रहे डॉ. योगेंद्र कुमार साहू ने बताया कि नाले में गिरने के कारण बच्चों के फेफड़ों में गंदा पानी चला गया है, जिससे सभी को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। आकांक्षा सात साल की है और खुद भी अस्पताल में भर्ती है। आवास-विकास हंसपुरम निवासी राजेश और जय देवी की चार संतानों में सबसे छोटी आकांक्षा गुरुकुलम खुशियों वाला में पीजी की छात्रा है।

आकांक्षा ने बताया कि कई अंकल हम लोगों को बचाने के लिए नाले में उतर गए और एक-एक कर बाहर निकालने लगे। कुछ बच्चे बेहोश हो गए थे। ढेर सारा कीचड़ और घास हमारे कपड़ों में लगी थी। जब बाहर आए, तो देखा कि स्कूल वाले सर भी आ गए थे। इसके बाद क्या हुआ, उसे याद नहीं। जब आंख खुली, तो मम्मी और अंजली दीदी पास में बैठी थीं।

सेन पश्चिम पारा के परसौली सकरापुर में फ्लाई इन द स्काई संस्था द्वारा संचालित गुरुकुलम स्कूल प्ले ग्रुप से पांचवीं तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहा है। प्रबंधक उद्देश्य सचान ने बताया कि संस्था द्वारा 2019 से विद्यालय को संचालित किया जा रहा है और वर्तमान में करीब 250 बच्चे विद्यालय में पढ़ते हैं। दूर के बच्चों को लाने और छोड़ने के लिए स्कूल की दो वैन हैं।

सेन पश्चिम पारा थाना प्रभारी गौतम सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या गलती वैन चालक की लग रही है। घटना के बाद से वह फरार है। उसके पास लाइसेंस है भी या नहीं, इसकी जांच कराई जाएगी। स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को नर्सिंगहोम में भर्ती कराया है। यदि कोई तहरीर मिलती है, तो उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।