नई दिल्ली, एजेंसी। राज्यसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने मंगलवार को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाए जाने की मांग की। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की फौजिया खान ने सोमवार को अधूरी रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की सराहना की लेकिन कहा कि यह मुफ्त नहीं सब्सिडी वाली योजना है और इसके लिए किसानों को बैंकों से ऋण लेना पड़ता है जो आसान काम नहीं है। उन्होंने इस योजना में सब्सिडी बढ़ाए जाने की मांग की। आईयूएमएल के हरिस बीरन ने कहा कि केंद्र सरकार देश में सौर ऊर्जा संभावनाओं का पूरा दोहन नहीं कर पा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सब्सिडी बढ़ाए जाने की मांग की। बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पन बिजली परियोजनाओं को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
भाजपा की दर्शना सिंह ने कहा कि भारत सबसे बड़े सौर उत्पादकों में से एक है और अब इस क्षेत्र का नेतृत्व कर रहा है। जीवाश्म ईंधन को पर्यावरण के लिए हानिकारक बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए इसका आयात करना पड़ता है। इसीलिए अक्षय ऊर्जा को विकल्प के रूप में अपनाया जा रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संतोष कुमार पी ने कहा कि देश की विकास की अवधारणा में विरोधाभास है। एक तरफ हम अक्षय ऊर्जा की बात करते हैं दूसरी ओर हम कोयला आधारित ऊर्जा परियोजनाओं को भी बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने पूछा कि कोयला आधारित ऊर्जा के इस्तेमाल को कब रोका जायेगा। इस विरोधाभास को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने हाऊस बोट को भी सौर ऊर्जा से चलाए जाने की व्यवस्था करने की मांग की।
भाजपा के मिथलेश कुमार ने एक करोड़ घरों की छत पर सौर पैनल लगाये जाने वाली प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे बिजली का बिल तो कम होगा ही रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से देश में सौर मॉड्यूल विनिर्माण में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और इसे तेजी से बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार की उत्पाद प्रोत्साहन योजना से भी मदद मिल रही है। सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना से भी किसानों को विशेष फायदा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अकेले उत्तर प्रदेश में 70 हजार से अधिक किसानों को सौर पंप दिये गये हैं। भाजपा के संजय सेठ ने कहा कि सरकार देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न वैकल्पिक योजनाओं पर काम कर रही है। भारत नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर है। देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 748 गीगा वाट के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य कर रहा है। पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी भारत दुनिया में चौथे स्थान पर है। ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है जिससे विदेशी निवेश आ रहा है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से प्रत्येक घर को 15 से 18 हजार रुपये की बचत होगी।
असम गण परिषद (एजीपी) के बीरेन्द्र प्रसाद वैश्य ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने इस मंत्रालय को भी महत्व दिया है। लद्दाख नवीकरणीय ऊर्जा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इसी तरह से अरुणाचल प्रदेश भी लद्दाख की तरह सौर ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार को इन दोनों राज्यों पर विशेष ध्यान के साथ ही असम पर भी ध्यान दिये जाने की जरूरत है।