नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार (29 जुलाई) को अरविंद केजरीवाल की सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और अंतरिम जमानत की याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने आज भी इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा है। सीबीआई की ओर से विशेष वकील डीपी सिंह पैरवी की। वहीं, केजरीवाल की ओर से एन हरिहरन और अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं।

सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल ही दिल्ली शराब नीति केस के असली सूत्रधार हैं। उनकी गिरफ्तारी के बिना मामले की जांच नहीं की जा सकती थी। एक महीने के भीतर हमने चार्जशीट दाखिल कर दी। दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 जुलाई की सुनवाई में भी केजरीवाल की गिरफ्तारी और अंतरिम जमानत की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था। वहीं, सीबीआई ने केजरीवाल के खिलाफ स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को अरेस्ट किया था। कोर्ट ने केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया, ठत्ै नेता के कविता समेत बाकी आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी 31 जुलाई तक बढ़ाई है।

सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बिना जांच पूरी नहीं हो सकती थी। एक महीने के भीतर हमने चार्जशीट दाखिल कर दी। इसका मतलब है कि हमारी जांच बहुत आगे बढ़ चुकी थी। पिछले एक महीने में जितने सबूत आए हैं, वे उसी तरह के हैं। सीबीआई ने तर्क दिया कि वे पूरे आबकारी घोटाले के सूत्रधार हैं।

सीबीआई ने यह भी कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध थी या नहीं, इसका परीक्षण पहले ट्रायल कोर्ट में किया जाता है। उसके बाद यह जमानत के लिए आधार बनता है। यह बात जांच के दायरे में नहीं आती कि गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली एक याचिका है और जमानत के लिए दूसरी। एक साथ दो कार्यवाही नहीं चल सकती।