कंपनियों को नहीं मिले काबिल युवा, लौट गईं 12760 नौकरियां…. बेपर्दा हुई उच्च शिक्षा की गुणवत्ता

कानपुर। कानपुर के उच्च शिक्षण संस्थानों में दी जा रही शिक्षा युवाओं को उतना काबिल नहीं बना पा रही है कि वे नौकरी पा सकें। इस बात की गवाही सेवायोजन विभाग की ओर से लग रहे रोजगार मेले खुद दे रहे हैं। पिछले एक साल में काबिल युवाओं की तलाश में रोजगार मेलों में आईं 424 कंपनियों को निराशा के साथ लौटना पड़ा। 12760 नौकरियां लेकर आईं कंपनियों को महज 5504 युवा ही हुनरमंद मिले। अगस्त 2023 से इस साल अगस्त तक सेवायोजन विभाग की ओर से 36 रोजगार मेले लगे। 18264 नौकरियों के सापेक्ष 27043 युवाओं ने साक्षात्कार दिए। ज्यादातर बेरोजगार कंपनी प्रतिनिधियों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। प्रतिनिधियों के अनुसार बेहद आसान सवालों के भी जवाब युवा नहीं दे सके।

तकनीकी शिक्षा का डिप्लोमा लेकर ढूंढते हैं मार्केटिंग की नौकरी
सेवायोजन विभाग के अधिकारियों की मानें तो युवाओं में बेसिक नॉलेज की कमी है। रोजगार मेले से पहले विभाग की कराई गई काउंसिलिंग में कई ऐसे युवा मिले, जो पॉलिटेक्निक से तकनीकी डिप्लोमा लेकर मार्केटिंग की नौकरी तलाश करते हैं। उन्हें सेल्स या मार्केटिंग में भी अंतर नहीं पता। ज्यादा वेतन के चक्कर में कहीं भी आवेदन कर देते हैं। ये लोग न तो खुद को सही से पेश कर पाते हैं और न ही अपने कोर्स से जुड़े कामों की जानकारी रखते हैं।

अंग्रेजी न बोल पाना भी नौकरी में बाधा
रोजगार मेले में सेल्स मैनेजर से लेकर ब्रांच मैनेजर और इलेक्ट्रीशियन से लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर जैसी पोस्ट के लिए नौकरियां आईं थीं। कंपनी प्रतिनिधियों की मानें तो अंग्रेजी न बोल पाना युवाओं के लिए बड़ी समस्या है। कई युवा ऐसे भी रहे जो न तो अंग्रेजी बोल पाए और न ही लिख पाए। ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नौकरी मिले, इसके लिए अच्छी कंपनियों से संपर्क किया जाता है। युवाओं को भी बेसिक नॉलेज और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पर ध्यान देना होगा। तभी सफलता मिलेगी।