नयी दिल्ली, एजेंसी। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा को बताया कि किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के संबंध में गठित समिति की रिपोर्ट अभी नहीं आयी है और इस रिपोर्ट के आने के बाद इस दिशा में कदम उठाया जायेगा, लेकिन सरकार कृषि को मुनाफे का व्यवसाय बनाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है।
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया और एमएसपी के मामले में सरकार से सीधा जवाब देने की मांग की जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई तथा सदन की कार्यवाही में व्यवधान पहुंचा।
चौहान ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि सरकार ने एमएसपी के मुद्दे पर एक समिति का गठन किया है जो इस मुद्दे पर विचार कर रही है और इस समिति की अब तक छह बैठकें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट आते ही सरकार इस पर आगे कदम उठायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार रिपोर्ट के नाम पर निष्क्रिय नहीं बनी हुई है और निरंतर किसान कल्याण के कार्यों में लगी है। एमएसपी की दरें लगातार बढ़ायी जा रही हैं। सरकार छह सूत्री नीति – उत्पादन के ठीक दाम देना, उत्पादन बढ़ाना, लागत कम करना, नुकसान की भरपाई करना, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि फसलों के दामों में समय-समय पर वृद्धि की जा रही है। फसलों का मूल्य फसल पैदावार की लागत में 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर निर्धारित किया जाता है और उसे खरीदा भी जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार उर्वरक पर भी एक लाख 68 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है।